15 फरवरी 2016
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पर्यटन-प्रशासन एवं प्रबंधन में यूजीसी-नेट उत्तीर्ण, एम.बी.ए. इन टूरिज्म-मैनेजमेंट(सीएसजेएम-कानपुर विश्वविद्यालय), मास्टर्स इन मास-कम्युनिकेशन(लखनऊ विश्वविद्यालय), दैनिक जागरण-यात्रा विभाग में बतौर लेखक (१ जून २००८ से १७ सितम्बर २०१५ तक ) ७ वर्ष, ३ माह एवं १७ दिन का कार्य-अनुभव, नई दिल्ली के प्रकाशकों द्वारा कुछ पुस्तकों का प्रकाशन जैसे - मैनेजिंग एंड सेल्स प्रमोशन इन टूरिज्म (अंग्रेज़ी), शक्तिपीठ (हिंदी) और फिल्म-पटकथा लेखन पर आधारित मौलिक गीतों युक्त हिंदी में लिखी पुस्तक- “देवी विमला”...एक साधारण भारतीय महिला की असाधारण कहानी, प्रख्यात गीतकार श्री प्रसून जोशी द्वारा एक प्रतियोगिता में चयनित सर्वश्रेष्ठ गीतों में से एक गीत शामिल, जागरण जोश के कवर पेज पर आल-एडिशन फोटो...D
<p>अमितेश जी प्रशन्न रहने के लिए और भी क्रीड़ाएँ है कल्पनायें है परंतु मुझे समझ में आरहा है क़ि आप किस ओर इशारा कर रहे है आपसे अनुरोध क़ि बस अब समझ जाइये|</p><br>
15 फरवरी 2016
यदि प्रसन्न रहना है तो दुसरो की चिंता अवश्य करे आखिर ये जीवन हमें दुसरो के लिए ही मिला है अपने लिए तो तुच्छ प्राणी ही सोचता है अगर व्यक्ति सिर्फ अपने बारे में ही सोचता है तो उसका जीवन निरर्थक है अर्थात पहले दुसरो के बारे में सोचो :P
15 फरवरी 2016