हिंदू धर्म में दशहरे का पर्व धर्म की अधर्म पर जीत के रूप में मनाया जाता है। शारदीय नवरात्रि की 9 दिन बाद यानी दशमी तिथि पर देशभर में विजयदशमी का पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म में कोई भी शुभ या धार्मिक कार्य सही मुहूर्त देखकर किया जाता है। ऐसे में रावण दहन भी सही मुहूर्त में करने का विधान है।
दशहरे पर रावण दहन का सही मुहूर्त।(फोटो सौजन्य से जागरण)
आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयदशमी या दशहरे का पर्व मनाया जाता है। दशहरे को रावण पर भगवान श्री राम की विजय के रूप में मनाया जाता है। साथ ही अन्य धार्मिक मान्यता के अनुसार इसी दिन महिषासुर नामक दानव पर देवी दुर्गा ने विजय प्राप्त की थी। वर्ष 2023 में विजयदशमी का त्योहार 24 अक्टूबर, मंगलवार के दिन मनाया जाएगा।
रावण दहन का मुहूर्त (Ravana Dahan Muhurat)
उदया तिथि के अनुसार, इस साल 24 अक्टूबर, मंगलवार के दिन दशहरे का त्योहार मनाया जाएगा। विजयादशमी के दिन रावण दहन प्रदोष काल में करने का विधान है। ऐसे में रावण दहन का मुहूर्त 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 43 मिनट से अगले ढाई घंटे तक रहने वाला है। ऐसे में इस दौरान रावण दहन किया जा सकता है।
विजयादशमी का महत्व (Importance of Vijayadashami)
विजयादशमी का दिन वह दिन है जब भगवान राम ने रावण का वध करते हुए अधर्म पर धर्म की स्थापना की थी। साथ ही यह वह दिन भी है जब मां दुर्गा ने महिषासुर नामक दैत्य का वध किया था। यही कारण है की इसे विजयदशमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग रावण का पुतला बनाकर उसका दहन करते हैं। यह उत्सव केवल यहीं पर समाप्त नहीं होता, बल्कि इसके साथ-साथ लोग अपने अंदर के रावण यानी बुराइयों का भी दहन करने का संकल्प लेते हैं।
विजयादशमी का निष्कर्षण हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान राम ने लंका में रावण को मारकर अपनी पत्नी सीता को वापस पाया था, जिससे विजयादशमी को "विजय" के रूप में मनाया जाता है। इस दिन कुलदेवियों की पूजा भी की जाती है, और लोग अपने जीवन में शक्ति और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। इसके अलावा, विजयादशमी पर आदर्श और साहस के प्रतीक भगवान दुर्गा का पूजा-अर्चन भी किया जाता है।