जब आपके पास कोई काम नहीं होता, तो आप क्या करते हैं? जाहिर सी बात है फालतू बैठे रहते होंगे। अक्सर काम में व्यस्त रहने वाले लोग खाली या फालतू रहने वाले लोगों पर ताना भी मारते हैं।
ऐसे लोगों को ताना मारने दें, क्योंकि फालतू पड़े रहने का भी अपना मजा है, लुत्फ है, जो किसी अन्य कार्य को करके नहीं महसूस किया जा सकता।
′फालतू′ शब्द सुनने में नकारात्मक लगता है, पर यदि आपने इस शब्द का वास्तविक अर्थ समझ लिया, तो यह शब्द है बहुत मजेदार। सभी ऑफिस प्रतिदिन जाते हैं। काम निपटाते हैं और फिर खाली बैठ जाते हैं। शाम में घर लौटने के दौरान घंटों जाम में फंसे होने के कारण बस, ऑटो आदि में भी खाली ही बैठे रहते हैं। जो घर पर हैं, वे भी काम पूरा कर खाली ही बैठे रहते हैं।
जाहिर सी बात है इससे बोरियत महसूस होती होगी। दिल्ली के मनोचिकित्सक डॉ. समीर पारिख कहते हैं कि फालतू महसूस करने का अर्थ है आपके पास कोई काम न होना यानी आप हर काम से मुक्त, बेफ्रिक होकर आराम से पड़े हों। भागदौड़ के इस युग में फालतू महसूस करने का मौका लोगों को बहुत कम ही मिल पाता है। यदि ऐसा मौका आपको कभी मिल रहा हो, तो इसे हाथ से बिल्कुल न जाने दें। इस दौरान अपने दिमाग पर बिना जोर डाले मस्ती में जो भी काम करेंगे, उसका भी कोई न कोई महत्व होगा।
हम सब बचपन से यह सुनते आए हैं कि हमारे पास बहुत काम है, इसलिए हम यूं ही इधर-उधर नहीं पड़े रह सकते हैं। जब भी आप थोड़ा आराम करना चाहते हैं, कुछ ही देर बाद आपको ग्लानि का अनुभव होने लगता है कि यह आप ठीक नहीं कर रहे हैं। इस ग्लानि से मुक्ति पाइए।
बस या ट्रेन में सफर करना यानी फालतू बैठना। बोर हों, तो आसपास के लोगों से बातें करें। उनके शहर की संस्कृति पर चर्चा करें। इससे आपकी भी जानकारी बढ़ेगी और हो सकता है कुछ अच्छे दोस्त भी मिल जाएं। किताब साथ हो, तो बस या ऑटो में बैठे-बैठे कुछ पंक्तियां पढ़िए और खिड़की से बाहर झांकते हुए उसके अर्थ समझने की कोशिश कीजिए।
फालतू बैठे हैं, तो कागज पर फूल बनाइए। आपको महसूस होगा कि आप कोई काम तो कर रहे हैं, जबकि असल में आप कुछ नहीं कर रहे। कागज पर फूल के लिए रेखाएं खींचने में आपको मानसिक शांति मिलेगी। ऐसा महसूस होगा कि आपको किसी तय समय सीमा में कोई काम नहीं करना, बल्कि यह सिर्फ अपनी खुशी के लिए कर रहे हैं।
जरूरी नहीं कि आप हमेशा किसी काम से ही बाहर निकलें। यूं ही बाहर निकल पड़ें। धीरे-धीरे टहलें और खुद में खो जाएं। मार्केट में यूं ही भटक रहे हैं, तो शोरूम में लगी चीजों को निहारें। खरीदारी से बचें। खरीदारी करने का मन कर रहा हो, तो खाने की कोई पौष्टिक चीज खरीदें और उसे खाते हुए आगे निकल जाएं।
सप्ताह में किसी एक दिन को कुछ न करने को समर्पित कर दीजिए। इस दिन न तो ऑफिस का काम कीजिए, न ही कपड़े धोइए, न तो घर की सफाई कीजिए और न ही बाहर निकलिए। घर पर रहकर जूस पीजिए, कुछ मनपसंद खाइए। फिर देखिए आप कैसे तरोताजा महसूस करते हैं। - स्पर्धा रानी