कोटि-कोटि प्रणाम इस महान विभूति को उनके १६० वीं जयंती पर
जन्म: 23 जुलाई 1856, रत्नागिरी, महाराष्ट्र
बाल गंगाधर तिलक को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का जनक माना जाता है| वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे| वह एक समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी, राष्ट्रीय नेता के साथ-साथ भारतीय इतिहास, संस्कृत, हिन्दू धर्म, गणित और खगोल विज्ञानं जैसे विषयों के विद्वान भी थे| बाल गंगाधर तिलक ‘लोकमान्य’ के नाम से भी जाने जाते थे| स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उनके नारे ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे ले कर रहूँगा’ ने लाखों भारतियों को प्रेरित किया|
एक आंदोलनकारी और शिक्षक के साथ-साथ तिलक एक महान समाज सुधारक भी थे| उन्होंने बाल विवाह जैसी कुरीतियों का विरोध किया और इसे प्रतिबंधित करने की मांग की| वे विधवा पुनर्विवाह के प्रबल समर्थक भी थे| तिलक एक कुशल संयोजक भी थे| गणेश उत्सव और शिवाजी के जन्म उत्सव जैसे सामाजिक उत्सवों को प्रतिष्ठित कर उन्होंने लोगों को एक साथ जोड़ने का कार्य भी किया।