देश की अपूर्णीय क्षति आज ही कालजयी महान लेखिका महाश्वेता देवी जी का निधन कोलकाता में हो गया
ये हम सब के लिए बहुत ही दुखद दिन है , परमपिता परमात्मा से प्रार्थना करे की उनकी आत्मा को शान्ति दें.
रचनाएँ
एक पत्रकार, लेखक, साहित्यकार और आंदोलनधर्मी के रूप में अपार ख्याति प्राप्त की। ‘झाँसी की रानी’ महाश्वेता देवी की प्रथम रचना है। जो 1956 में प्रकाशन में आया। उनकी कुछ महत्वपूर्ण कृतियों में 'अग्निगर्भ' 'जंगल के दावेदार' और '1084 की मां', माहेश्वर, ग्राम बांग्ला हैं। पिछले चालीस वर्षों में, आपकी छोटी-छोटी कहानियों के बीस संग्रह प्रकाशित किये जा चुके हैं और सौ उपन्यासों के क़रीब (सभी बंगला भाषा में) प्रकाशित हो चुकी है। महाश्वेता देवी की कृतियों पर फिल्में भी बनीं। 1968 में 'संघर्ष', 1993 में 'रूदाली', 1998 में 'हजार चौरासी की माँ', 2006 में 'माटी माई'। महाश्वेता देवी की कुछ प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं-
- लघुकथाएँ - मीलू के लिए, मास्टर साब
- कहानियाँ - स्वाहा, रिपोर्टर, वान्टेड
- उपन्यास - नटी, अग्निगर्भ, झाँसी की रानी, मर्डरर की माँ, 1084 की माँ, मातृछवि, जली थी अग्निशिखा, जकड़न
- आत्मकथा उम्रकैद, अक्लांत कौरव
- आलेख - कृष्ण द्वादशी, अमृत संचय, घहराती घटाएँ, भारत में बंधुआ मज़दूर, उन्तीसवीं धारा का आरोपी, ग्राम बांग्ला, जंगल के दावेदार, आदिवासी कथा
- यात्रा संस्मरण - श्री श्री गणेश महिमा, ईंट के ऊपर ईंट
- नाटक - टेरोडैक्टिल, दौलति