भिवानी: छत्तीसगढ़ के के डब्बा मारका क्षेत्र के किस्ताराम के जंगले में नक्सलियों से हुई सीधी मुठभेड़ में घायल हुए पांडवान निवासी जांबाज कुलबीर सांगवान ने मौत से जंग जीत ली है है। हालांकि उनके छाती में लगी गोली नहीं निकल पाई है। एम्स चिकित्सकों ने गोली छाती से रीढ़ की हड्डी के पास पहुंचने के कारण उसे नहीं निकालने का निर्णय लिया है।
गांव पांडवान निवासी राजबीर सिंह का 26 वर्षीय पुत्र कुलबीर सांगवान तीन वर्ष पूर्व सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर भर्ती हुआ था। वे कोबरा रेजीमेंट में छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में ड्यूटी पर तैनात थे। एम्स में भर्ती कुलबीर सांगवान ने बताया कि इसी माह 3 तारीख को उनकी कोबरा रेजीमेंट को सूचना मिली थी कि छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के डब्बा मारका क्षेत्र में किस्ताराम से लगभग 15 किलोमीटर अंदर जंगलों में करीब 350 नक्सली छिपे हैं।
इसके बाद उनकी 190 सदस्यीय बटालियन ने वहां मोर्चा संभाला। दोनों तरफ से काफी देर तक गोलीबारी होती रही। इस मुठभेड़ में उनकी छाती में गोली लगी।
वहीं गोली न निकलने पर कुलबीर ने कहा कि यह गोली उसे नक्सलियों की याद दिलाती रहेगी और दिल में देश सेवा का जज्बा बरकरार रहेगा।