मां लक्ष्मी और अन्नपूर्णा देवी को प्रसन्न रखना चाहते हैं -
परम्परागत परम्पराए और नियम जो हमारे ऋषि-मुनियों ने हमारे लिए बताई है वो आज भी कई घरो में उनका नियम पूर्वक पालन होता है ये परम्पराये हमारे जीवन में आज भी उतनी ही फलदाई है लेकिन आज के इस दौर में आपा-धापी में हम इनको भूलते जा रहे है -
पहले घर में एक आँगन या चौपाल हुआ करता था जहाँ रोज शाम को घर के बूढ़े-बुजुर्ग बैठा करते थे और हमें अपनी पुरानी परम्पराओं से हमें अवगत कराते थे -आज पारिवारिक विघटन के कारण हम उनसे दूर होते जा रहे है और उनके द्वारा बताये सन्मार्ग और परम्पराओं से विहीन हो रहे है -
पैसा आप अर्जित कर तो लेते है लेकिन क्या आप उसका पूर्ण लाभ और संतुष्टता ले पा रहे है आता तो खूब है लेकिन जाने का रास्ता पहले बना के आता है - अगर आप चाहते है कि माता लक्ष्मी की कृपा और अन्नपूर्णा की कृपा आप पे सदैव बनी रहे तो करे ये उपाय -
आप देर रात जागते है इसलिए सुबह आपकी नींद नहीं खुलती है -जबकि ये बीमारियों के साथ-साथ आपको आलसी भी बना देती है -प्रात:काल की मधुर वेला की चलने वाली पवन से आप दूर हो रहे है जो स्वास्थ के लिए अनिवार्य है -आपकी दिनों-दिन उम्र घटती जा रही है - इसलिए सुबह उठने की आदत डाले कुछ देर टहले और हो सके तो घर में भजन या देवी-देवताओं का भजन इत्यादि सुने न की टी वी पे ऊंटपटांग गाने - कानो से सुना हुआ मन्त्र या भजन आपकी प्रवर्ती को निर्मल बनाता है बुरे विचारों से मुक्ति होती है -
सुबह उठते से सबसे पहले अपनी हथेलियों का दर्शन करना चाहिए। बिस्तर से नीचे भूमि पर पैर रखने से पहले धरती माता से पैर लगाने के लिए क्षमा मांगनी चाहिए- ये शास्त्रोक्त विधान है धरती हमारी माँ है जो हमारा सब कुछ वहन करते हुए भी सभी कुछ प्रदान करती है -
सुबह -सुबह घर की महिलाए जब भी सूर्य उदय से पहले झाड़ू लगाए तो ध्यान रक्खे कि झाड़ू को कभी भी पैर नहीं लगाना चाहिए हमेशा झाड़ू लगाने के बाद झाड़ू को छिपा के रक्खे और झाड़ू को कभी भी खड़ा न रक्खे -न ही झाड़ू के ऊपर से निकले -झाड़ू के बारे में जो लोग इन बातो का पालन नहीं करते है माँ लक्ष्मी की कृपा उनसे दूर होती है - झाड़ू को लक्ष्मी का रूप माना जाता है-जब यह घर की गंदगी, धूल-मिट्टी साफ करती है तो इसका मतलब यही है कि देवी महालक्ष्मी हमारे घर से दरिद्रता को बाहर निकाल देती है-जिस प्रकार धन को छुपाकर रखते हैं उसी प्रकार झाड़ू को भी घर में आने जाने वालों की नज़रों से दूर रखें-वास्तु विज्ञान के अनुसार जो लोग झाड़ू के लिए एक नियत स्थान बनाने की बजाय कहीं भी रख देते हैं-उनके घर में धन का आगमन प्रभावित होता है-इससे आय और व्यय में असंतुलन बना रहता है-आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है- झाड़ू को आप कभी भी भूल कर न जलाए वर्ना माँ लक्ष्मी की कृपा आप से रूठ जायेगी -
झाड़ू लगाने के बाद जो महिलाए घर में पोछा लगाती है उनको पानी में सेंधा नमक मिला लेना चाहिए फिर आप पोछा लगाए ये एंटी-बैक्टिरियल के साथ-साथ आपके घर की सभी नकारात्मक उर्जा को समाप्त कर देता है और सकारात्मक ऊर्जा में बढ़ोतरी होती है-
प्रतिदिन घर के पुरुष या महिलाओं को सुबह -सुबह आठ बजे से पहले पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंख करके नित्य की पूजा संपन्न कर लेनी चाहिए -भूमि पर बैठ कर पूजन नहीं करे जब भी पूजन करे अपने नीचे आसन अवस्य बिछाए -क्युकि हमारे शरीर की उर्जा भूमि में प्रवेश न करे -ध्यान से हमें जो उर्जा प्राप्त होती है वो भूमि में समाहित हो जाती है -आसन यदि कुश का हो तो उत्तम है कुश का आसन कभी भी अपवित्र नहीं होता -
आप पूजन करते समय साथ में जल का एक कलश भर कर रक्खे- कलश का भी विधिवत पूजन करें-देवी-देवताओं की प्रतिमा के साथ ही कलश पूजन करने पर आपको श्रेष्ठ फल की प्राप्ति होती है-
पूजन करते समय ध्यान रखें कि आरती या दीपक या अगरबत्ती-माचिस की तीली-मोमबत्ती आदि अग्नि से संबंधित चीजें मुंह से फूंक मारकर नहीं बुझाना चाहिए-ये अग्नि देवता का अपमान है -जब भी पूजा करे पूजा में प्रयुक्त होने वाली धूप या हवन सामग्री या अगरबत्ती आदि को दक्षिण-पूर्व दिशा में ही रक्खे -घर के मुख्य-द्वार पर सीधे हाथ से स्वास्तिक अवस्य बनाए -स्वास्तिक बुरी नजर से बचाने के साथ-साथ श्री गणेश और साथ सभी देवताओं की कृपा बनी रहती है -
पढ़े-लिखे लोगो ने बहुत सी चीजो को मानने से इनकार किया है लेकिन तर्क और वितर्क से कुछ बातो को नकारा नहीं जा सकता है - लोग घरो में जूते-चप्पल को अव्यवस्थित रूप से इधर उधर रखते है जबकि हमेशा उनको व्यवस्थित ढंग से ही रखना चाहिए वहां अशांति का वास होता है दक्षिण के लोग जूते-चप्पल को कमरे से बाहर भी व्यवस्थित रूप से रखते है -वैज्ञानिक कारण भी है कि बाहर की धूल-मिटटी और वैक्टीरिया आदि बाहर ही रखना चाहिए और नकारात्मक उर्जा का प्रवेश भी नहीं होता है -
फैशन के दौर में लोग बेड पे खाने लगे है जो लोग नहीं जानते उनको बताना चाहता हूँ कि शैया को शवासन माना गया है इसलिए चारपाई या बिस्तर पे खाना अन्नपूर्णा का अपमान है आगे चल कर आपको मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है बुरे स्वप्न या नींद में कमी हो सकती है -भोजन भूमि पे जब भी करेगे मन -प्रसन्न रहेगा आप सिर्फ एक माह करके देखे क्या आनंद मिलेगा और कितनी आत्मिक शान्ति - रोग-मुक्ति भी -भोजन को एक पट्टे के उपर रख के भोजन करे इससे अन्नपूर्णा का सम्मान होता है और घर में बरकत भी होगी-
घर की महिलाए जब भी सुबह-शाम रोटी बनाएं तो पहली रोटी गाय के लिए निकालना चाहिए-अंतिम रोटी कुत्ते के लिए निकालें-जिन घरों में हर रोज यह काम किया जाता है-वहां देवी-देवताओं के साथ ही पितर देवता की भी कृपा बनी रहती है-
एक बात का विशेष ध्यान रक्खे कि आपके घर में अगर कही भी किसी भी कोने में मकड़ी के जले गंदगी या धूल-मिटटी है तो कृपा करके तुरंत ही हटाये वर्ना घर की समृद्धि नहीं रहेगी और आपको पूर्ण सुख नहीं प्राप्त होता है -
हर रोज सुबह-सुबह सूर्य की किरणें घर में आती है तो यह बहुत ही शुभ होता है। ऐसा होने पर घर के कई वास्तु दोष दूर होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
यदि आप अपने जीवन में छोटी-छोटी बातो का ख्याल रखते है तो निश्चित रूप से माँ लक्ष्मी एवं माँ अन्नपूर्णा का वास आपके घर में होगा और सुख-शान्ति का आगमन होगा -रोगों से मुक्ति होगी -