31 जुलाई 2015
जी प्रियंका जी .... सत्य वचन शब्दनगरी संगठन प्रेमचंद प्रति आपका स्नेह आत्म-विभोर कर गया,..आभार
31 जुलाई 2015
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31 जुलाई 2015
ऐसे लोग बहुत महान होते है . ये सच ही होगा की अपने अंत समय इन्होने इश्वर को याद न किया हो .... क्योंकि ये अपने जीवनकाल में अच्छे कर्म कर के ही इश्वर भक्ति कर लेते हैं ....
31 जुलाई 2015
सत्य वचन कहा बंधुओं
31 जुलाई 2015
ऐसे महान रचनाकार कुछ सीखने के लिए नहीं बल्कि कितना कुछ सिखाने और समर्पित करने हेतु प्रकाश-पुंज बनकर पृथ्वी पर अवतरित होते हैं...और पुनः उसी दिव्य प्रकाश में विलीन हो जाते हैं ! महान कथाकार, उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद को हमारा शतत नमन !
31 जुलाई 2015
सम्पूर्ण हिंदी जगत कलम के सिपाही के प्रति श्रद्धावनत है ! उन्हें हमारा शतत नमन ! प्रस्तुति हेतु आभार !
31 जुलाई 2015