मेहन्दी के रंग लिए
आया है फागुन
शहरों गाँवौ में
छाया है फागुन
जीवन में रस
टटोल रहा फागुन
पनघट चौपालों में था
डोल रहा फागुन
रंगों में डूबे हैं
संगी साथी
भांग सांसों मे
घोल रहा फागुन
तितली के रंग लिए
आया है फागुन
रक्तिम टेसू रंगों से
पलाशी बारिश
बरसा रहा फागुन
होली के रंग संग
गुलालों के सतरंग ले
बस फागुन ही फागुन