1 किसी कार्य में असफल होने पर भाग्य को दोषी न मानकर पूरी शक्ति व निष्ठा के साथ अपने लक्ष्य की प्राप्ति मे जुट जाइए। अपनी आंख अर्जुन की भांति सिर्फ अपने लक्ष्य की ओर केंद्रित रखिए।
2 सफलता प्राप्त करने के लिए एकाकीपन, भय, संकोच, भावुकता और हीनभावना जैसे अवगुणों को अपने पास फटकने भी ना दे।
3 अपनी लगन, इच्छा और परिश्रम पर निराशा व आलस्य की छाया ना पड़ने दें।
4 सफलता पाने के लिये समय का महत्व समझें। उसका एक-एक पल उपयोग में लाएं।
5 हर इंसान के जीवन मे एक बार सुअवसर दस्तक देता है उस क्षण को पहचान कर पकड़ने का प्रयत्न करें।
6 अपना लक्ष्य निर्धारित करके ही सफलता की ओर बढ़ें । ऐसा न हो कि आपकी नीति के ढुलमुल हो जाने से असफलता ही हाथ लगे।
7 एक से अधिक लक्ष्य होने पर उसमें प्राथमिकता तय करें और निष्ठा व लग्नपूर्वक हर लक्ष्य की ओर बढ़ें ताकि सफलता मिले।
8 कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है।
9 जीवन में हर काम सोच समझकर अपनी शक्ति अनुसार और योग्यता के अनुसार चुनें और उसे पूर्ण कर के ही दम लें। चाहे वह कितना ही कठिन क्यों न हो।
10 लक्ष्य निर्धारण में दिग्भ्रमित न हो, जीवन में सफलता तभी मिलती है जब कार्य योजना बद्ध तरीके से किया गया हो।
11 बहाने बाजी या टालते रहने की प्रवृति मनुष्य को अकर्मण्य बना देती है।