8 जुलाई 2015
सुंदर विचार
8 जुलाई 2015
अति सुन्दर विचार ! बधाई !
8 जुलाई 2015
सुन्दर विचार...प्रकाशन हेतु बधाई !
8 जुलाई 2015
जी मंजीत भाई जो होता तो वो क्यों होता बढ़ा ही गूढ़ शब्द है "सहानुभूति"
8 जुलाई 2015
बल्कि मैंने देखा है की अक्सर ऐसा होता नहीं है .... जब हम अपने दुःख दुसरो के साथ शेयर करते है तो आधे लोग तो मन ही मन खुश होते है की ऐसी समस्या है , कुछ झूटी तसल्ली देकर मन की और बाते जानना चाहते है .. और बाकी को कोई मतलब नहीं होता ...
8 जुलाई 2015
सच कहा है , ख़ास तौर पे दूसरों के लिए सहानभूति बहुत ही ज़रूरी है ...
8 जुलाई 2015