जंगली जानवरों पर करंट कनेक्शन !
छत्तीसगढ के जंगलों में अवैध शिकार, लकड़ी की कटाई और अवैध परिवहन अब एक समस्या बनती जा रही है: हालाकि सरकार की तरफ से इस पर लगाम लगाने सहित कई उपाय भी किये जा रहे हैं किन्तु लगता है यह पर्याप्त् नहीं है:हाल के दिनों में जो घटनाएं सामने आई है वह यह निष्कर्ष निकालता है कि वन पूर्णत: सुरक्षित नहीं है: अभी दो दिन पहले ही महासमुंद के अंतर्गत चीतल के शिकार में ग्राम झुमरबाड़ी गौरखेड़ा तथा सिरगिड़ी के पांच आरोपियों को वन व पुलिस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है किन्तु यह भी स्पष्ट है कि वन अपराधियों में ऐसा कोई खौफ नहीं है जो होना चाहिये: वन्य जीवों का शिकार व सरकारी वृक्षों की रक्षा का दायित्व उस क्षेत्र की जनता व वन विभाग तथा पुलिस तीनों का दायित्व है:वन्य क्ष्ोत्र के लोगों को इस बात का पूरा अहसास रहता है कि उनके इलाके में कौन लोग घुसकर आते हैं और कितनी लकडी ले जाते हैं तथा अवैध शिकार करते हैं यह जानकारी बहुत हद तक यहां के प्रमुख लोगों को भी होती है: संभावना इस बात की भी है कि यह सारा काम मिली जुली भगत से होता है: इन मामलो में वन व पुलिस के कतिपय लोगों की मिली भगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता: तीन अक्टूबर को महासमुन्द के ग्राम झुमरबाड़ी गौरखेड़ा में मुख्य अभियुक्त के घर की तलाशी में जो बात सामने आई वह चौका देने वाली है: वहां शिकार में करंट लगाने के लिए प्रयुक्त दो बंडल जी.आई. तार तथा चीतल की खोपड़ी, जबड़ा और गर्दन की हड्डी जब्त की गई है मुख्य अभियुक्त से पूछताछ के आधार पर अन्य चार आरोपियों में से ग्राम झुमरबाड़ी गौरखेड़ा के निकले हैं: यह भी साफ हुआ है कि जंगली जानवरों को पकड़ने के लिए शिकारी खेत में बिजली के तार बिछाया करते हैं:यह जानवरों के लिये तो खतरनाक है ही मनुष्यो के लिेये भी खतरनाक है: इधर .हाथियों की मौत का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. महासमुंद जिले के पिथौरा वन परिक्षेत्र के ग्राम किशनपुर में सामने आया है.यहां नारंगी क्षेत्र में जंगली सुअर के शिकार के लिए बिछाए गए करंट की चपेट में आने से एक गर्भवती हथिनी की मौत हो गई है. जिसका शव मूंगफली के खेत में मिला है. जिस खेत में हथिनी की मौत हुई है उसके मालिक ने अपनी जमीन खेती के लिए किराए पर दे रखी है. खेत मे मूंग और फल्ली लगाई गई है. जिसके किनारे करीब डेढ़ किलोमीटर तक तार का विद्युत प्रवाहित फंदा लगाया गया था. हथिनी की उम्र लगभग 25 से 30 वर्ष के बीच थी. मृत हथिनी का वन विभाग ने मौके पर ही पीएम कराया जिसके बाद वहीं उसे दफनाया गया.महासमुन्द में जांच टीम एक बैलो की मौत की जांच कर रही थी तो कुछ के घर में तलाशी लेने पर चीतल की खोपड़ी मिली:यहां आरोपियों ने एक महीने पूर्व करंट लगाकर शिकार किया था, इसके शेष अवशेष को मुख्य आरोपी ने अपने घर के बाड़ी में दबा दिया था, जिसे टीम ने खोदकर बरामद किया: बताया जा रहा है कि चीतल शिकार के आरोपियों ने एक जंगली सुअर का भी शिकार किया था: छत्तीसगढ के ही सरायपाली में वन अमले ने करंट लगाकर जंगली सुअरों का शिकार करने वाले चार ग्रामीणों को गिरफ्तार किया है इन आरोपियों ने 27 सितंबर की रात ग्राम कोसमपाली जंगल के कक्ष क्रमांक 356में करंट लगाकर घटना को अंजाम दिया है पकड़े गए आरोपियों से जब पूछताछ की गई तो, पता चला कि यहां भालू की भी करंट से मौत हुई है, जिसे जंगल में छुपा दिया गया था शिकार के लिए तिलाईामल के पास लगे ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल हुआ है: . यह नहीं कि जंगली जानवरों को सिर्फ छत्तीसगढ में ही हताहत किया जा रहा है बल्कि पडौसी राज्य मध्यप्रदेश में भी यह सिलसिला जारी है:जबलपुर में विस्फोटक से एक गाय का जबड़ा फट गया: हादसा सिहोरा के बरगी गांव से लगे जंगल का बताया जा रहा है. पशुपालक के अनुसार उसकी गाय रोज की तरह बरगी गांव से लगे जंगल में चरने के लिए गई थी. उसके साथ जंगल में अन्य मवेशी भी चर रहे थे. जब गाय चरने के बाद काफी देर तक वापस नहीं लौटी तो वे जंगल गए. वहां उनकी गाय का जबड़ा फटा हुआ मिला और वह दर्द से कराह रही थी.