अब हर व्यक्ति हाईफाय,चाय, पान की दुकान में भी वायफाई!
एक
समय था जब पब्लिक टेलीफोन बूथ का जमाना था: उस समय मोबाइल नहीं हुआ करते थे और लोगों
के यहां लैण्ड लाइन फोन भी बहुत कम हुआ करते थे ऐसे में पब्लिक टेलीफोन बूथ बहुत कारगर
हुआ करते थे:सडकों पर दो चार कदम चलों तो वहां संचार का सबसे सुलभ और सस्ता साघन टेलीफोन
उपलब्घ हो जाया करता था: अब मोबाइल का युग है इसमें वायफाइ का अपना अलग महत्व है:
कई लोगो के फोन मे यह उपलब्ध नहीं है ऐसे लोगो के लिेये यह खुशखबरी है कि उन्हें
जल्द ही देशभर में पब्लिक टेलीफोन बूथ की तरह पब्लिक वाई-फाई बूथ मिलने लगेंगे. इस
काम के लिए पीएम वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (पीएम-वानी) नामक ईको सिस्टम
तैयार किया जाएगा. इस बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली
कैबिनेट कमेटी ने पीएम-वानी को अपनी मंजूरी दे दी है.सरकार के इस फैसले से 4जी नेटवर्क से वंचित इलाकों के
उपभोक्ता भी हाई-स्पीड इंटरनेट की सुविधा ले सकेंगे,वहीं, ग्रामीण व दूरदराज के इलाकों के लोगों
को इंटरनेट के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सामान की खरीद-फरोख्त जैसी
सुविधाएं मिल जाएंगी: टेलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना
हे कि डिजिटल सशक्तीकरण के तहत यह फैसला लिया गया है,
जल्द ही इस पीएम-वानी को देशभर में शुरू कर दिया जाएगा: एप प्रोवाइडर उस एप को
डेवलप करेंगे जिसकी मदद से यूजर्स पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल कर पाएंगे सेंट्रल
रजिस्ट्री इन सब पर निगरानी रखेगी जो सी-डॉट का हिस्सा होगी: यह भी कहा गया है कि पीडीओ, पीडीओए व एप प्रोवाइडर्स को ऑनलाइन
माध्यम से दूरसंचार विभाग से पंजीयन के लिए आवेदन करना होगा,
इसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा, सात दिन के भीतर पंजीयन की मंजूरी
नहीं मिलने पर उन्हें पंजीकृत मान लिया जाएगा:पंजीकृत पीडीओ छोटी-छोटी दुकानों पर
अपने प्वाइंट बनाएंगे जहां आम लोग जाकर अपनी जरूरत के हिसाब से वाई-फाई का
इस्तेमाल कर सकेंगे जिसके लिय यूजर्स को इस्तेमाल के बदले दो से बीस रूपये तक का
शुल्क का भुगतान करना होगा:इस समय देश में कॉफी हाउस हो या आपका दफ्तर या फिर एयरपोर्ट व कुछ अन्य खास जगहें, वाई-फाई की सुविधा लगभग हर जगह
उपलब्ध है और हो भी क्यों ना, क्योकि इंटरनेट के इस्तेमाल को यह सहज जो बना देती है लेकिन क्या आपको यह भी जान लेना
चाहिये कि वाई-फाई के माध्यम से इंटरनेट का इस्तेमाल करने के कई कुछ स्वास्थ्य
जोखिम भी हो सकते हैं:, कुछ
अध्ययन बतलाते हैं कि वाई-फाई के इस्तेमाल से मानसिक स्वास्थ्य और खासकर बच्चों के
विकास व सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है:यह निश्चित है कि इस
प्रकार की सुविधा शुरू होने से वाई-फाई एक्सेस व उसके रखरखाव के काम में छोटी-छोटी
कंपनियां आगे आएंगी:भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने तीन साल पहले पेड
पब्लिक वाई-फाई बूथ का मसौदा टेलीकॉम विभाग के समक्ष रखा था: ट्राई का कहना था कि
देश में एक करोड़ वाई-फाई हॉट स्पाट लगाने की दिशा में यह कदम कारगर होगा और इससे
उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा: इस योजना को ऐतिहासिक बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना
है कि इससे प्रौद्योगिकी की दुनिया में क्रांति आ जाएगी और समूचे देश में ‘वाई-फाई’ की उपलब्धता बढ़ेगी, इससे कारोबार में सुगमता भी बढ़ेगी और जीवन भी सरल होगा तथा इससे
देशभर में सार्वजनिक वाई-फाई सेवाओं का बड़ा नेटवर्क तैयार करने में मदद मिलेगी, जो लोगों के लिए रोजगार और आमदनी
बढ़ाने का जरिया बनेगा सार्वजनिक वाई -फाई नेटवर्क सेवा पीएम-वाणी के नाम से जानी
जाएगी. हमारे छोटे दुकानदारों को वाई-फाई की सुविधा मिलेगी इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी
और युवाओं को सुगम, निर्बाध
इंटरनेट सेवा मिल सकेगी। इससे हमारा डिजिटल भारत अभियान भी मजबूत होगा, बताया जा रहा है कि इस योजना के तहत स्थानीय किराना दुकानों तथा
गली-मोहल्ले की दुकानों पर भी सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क या ‘एक्सेस पॉइंट’ लगाए जा सकेंगे. पीडीओ के लिए न
तो लाइसेंस और न ही पंजीकरण की जरूरत होगी साथ ही इनपर किसी तरह का शुल्क भी नहीं
लगेगा.सार्वजनिक वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (पीएम वाणी) से देश में एक बड़ी
वाई-फाई क्रांति आने की उम्मीद सरकार को है:सरकार का दावा है कि वह इस महत्वाकांक्षी
योजना के साथ लक्षद्वीप
के 11 द्वीपों
को सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) के जरिये ब्राडबैंड से जोड़ने जा रही है इसको
भी केबिनेट की मंजूरी मिल गई है: इस परियोजना के अमल की अनुमानित लागत 1,072 करोड़ रुपये बताई गई है,
सभी द्वीपों पर ब्राडबैंड इंटरनेट की सुविधा होने से वहां पर्यटन का और विकास होगा
और नए रोजगार निकलेंगे सबमरीन कनेक्टिविटी परियोजना नागरिकों को उनके घर पर ही
ई-सुशासन सेवाओं की डिलीवरी में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है: