पौने छै: लाख रूपये मूल्य की सुपर बाइक से अपने दोस्तों के साथ रेस लगा रहे दिल्ली के एक लड़के की दीवार से टकरा जाने से मौत हो गई.यह तो हुई इंडिया की बात केलिफोर्नियां में एक युवक गहरी खाई में जा गिरा किस्मत अच्छी कि बच गया. विदेशों में यह आम बात है. दिल्ली में मृत चौबीस साल के हिमांशु बंसल के पिता ने दुखी मन से बयान दिया कि देश में सुपर बाइक को बंद कर देना चाहिये. लोगो के मन में विचार उठ रहा होगा कि इतनी मंहगी और इतनी फास्ट बाइक माता पिता अपने बच्चों को खरीदकर क्यों देते हैं? यह सवाल पूछने वालों को यह जवाब मिल सकता है कि बच्चों की जिद के आगे हम बेबस हो गये थे, पैसा क्या चीज है यह तो आता जाता रहता है आदि... किन्तु इस जिद के आगे माता पिता थोड़ी सी बात अपने बैटे से उसी तरह कर देते जैसा गुजरात के हीरा व्यापार ी ने अपने बैटे को पांच सौ रूपये देकर किया था तो तो शायद आज हिमांशु और उसके जैसेउ जिद कर बाइक-कार हासिल करने वाले सैकड़ों बच्चे जो ऐसी दुर्र्घटनाओं में मारे नहीं जाते. हीरा व्यापारी ने अपने बैटे को अपनी संपत्ति उसके हवाले करने से पहले उसका टेस्ट किया था उसे पांच सौ रूपये यह कहकर हैदराबाद भेजा कि इससे तुम एक महीने के अंदर जितना कमाकर ला सकते हो लाकर तभी तुम्हारी काबिलियत परखी जायेगी. सुपर बाइक या मंहगी कारे अथवा पैतिृक संपत्ति का अगर कोई अपने बच्चों को उनकी अपनी जिद के आगे करता है तो यह अच्छी बात है लेकिन वह इसका उपयोग किस तरह करेगा उसका आंकलन पहले जरूर कर लेना चाहिये वरना इसके बहुत से उदाहरण है जो अक्सर सुनने को मिलते हैं. भारत के प्रसिद्व क्रिकेटर अजहरूद्दीन 2 सितंबर 2011 का वह दिन कभी नहीं भूलेंगे जिस दिन उनके बैटे अयादुद्ीन की मौत हुई थी. अपने प्यारे बैटे को जो मंहगी से मंहगी बाइक उन्हेंंने गिफट में दी वही उसकी मौत का कारण बना. खूब पैसा हाथ में होने का मतलब यह नहीं होना चाहिये कि उसका उपयोग ऐसा करें कि अपने बच्चे भटक जायें.एक अरबपति का मामला सामने है जिसमें उन्होंंने पुत्र मोह में अपनी पूरी संपत्ति जीते जी अपने बेटे के नाम कर दी और अब किराये के मकान में रह रहे हैं और दर दर की ठोकरे खा रहे हैॅं. मंहगी कार में घूमने वाले कतिपय शहजादों के कारनामों की लम्बी फेहरिस्त है. सूपूत अपने मां बाप के प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए ऐसा रौब गाठते हैं कि माता पिता की नाक तो कटती ही है समाज में भी वे कहीं के नहीं रह जाते है. ऐसे कुछ लोग (सभी नहीं)जिंदगीभर अपने बेटे के लिये या तो रोते रहते हैं या फिर मुकदमा लड़ते लड़ते थक जाते है. ताजा उदाहरण के तौर पर हम हरियाणा के प्रभावशाली भाजपा नेता के कारनामों का जिक्र कर सकते हैं जिसने अपने पिता के पैसे से मंहगी कार लेकर एक ऐसा कारनामा किया कि पिता को भी शर्मिउदगी उठानीपड़ी. बहरहाल ऐसी घटनाओं का कोई अंत नहीं.विदेशो की नकल हम जब अपने देश में करने लगते हैं तो यह ज्यादा खतरनाक हो जाता है.कुछ सालों पहले तक बाइक जहां लोगों की सुविधा के लिये होता था वह आज लोगों विशेषकर कुछ बिगड़े युवाओं के लिये स्टंट तथा चोरी लूटपाट का साधन बन गया है.कुछ दिनों पहले दिल्लाी में एक झपटमार स्टंटमैन गिरफ्तार किया गया वह बाइक पर करतब करते हुए लूटपाट की वारदातें करता था. यह स्टंटमैन दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में है.पुलिस का दावा है कि राहुल नामक इस झपटमार ने लूट की 300 वारदातें की है. यह सब हमारे देश में ही नहीं पाकिस्तान भी ऐसे ही हालात की चपेट में हैं.वहां ईद के मौके पर बाइक स्टंट दिखा रहे 10 लोगों की मौत व 100 लोग घायल हुए. भारत में बाइकरों के खिलाफ कर्नाटक पुलिस सक्रिय हुई है. बेंगलुरु में जान जोखिम में डालने वाले बाइकरों को पकड़ा जाता है तथा उनके साथ सख्ती भी की जाती है. ब्लू वेल की तरह बाइक स्टंट भी एक तरह से खतरनाक बनता जा रहा है.युवाओं में रेस की प्रवृत्ति जिस तरह से बढ़ती जा रही है वह वास्तव में घरों को उजाडऩे का काम कर रही है. दिल्ली के मध्य हिस्से में लगभग 100 युवाओं द्वारा बाइक पर स्टंट करना तब त्रासदी में बदल गया था, जब दिल्ली पुलिस को वहां गोली चलानी पड़ी. इस गांलीकांड में एक बाइक सवार मारा गया था. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और आसपास के कुछ शहर भी युवाओं में मंहगी बाइक व मंहगी कार खरीदने और उसे तेज से तेज गति में चलाने की बीमारी तेजी से फैल रही है.पल्सर बाइक ने तो छत्तीसगढ़ में सनसनी पैदा कर रखी है. महिलाओं के गले से चैन स्नैचिंग की जितनी वारदाते हुई हैं उनमें से अधिकांश इसी बाइक सवार युवकों ने की है.