इस त्यौहार दुआ करो बूढा सरोवर का सौंदर्य ऐसा ही बना रहे !
धन्य है छत्तीसगढ की धरती::यहां की मिटटी, पानी ओर गोबर तीनों ने लागों को जीने का तरीका बता दिया: इसकी सच्चाई
जानना है तो राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब में शाम थोडा सा समय निकालिये और यहां के
रंगीन नजारों के साथ स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों को बेचने
लगाए गए स्टाल का मजा लीजिये: वास्तव में अदुभ्रुत है:इन दिनों लोगों की भीड यहां
सुकून, मनोरंजन और सैर-सपाटे के लिए ही नहीं पहुच रही बल्कि यहां मौजूद
महिलाओं के हाथों विशेष रूप से तैयार
स्वादिष्ट छत्तीसगढ़ी पकवानों का स्वाद लेने के साथ इस दीपावली के मौसम में कुछ
खरीददारी के लिए भी बूढ़ा तालाब पहुंच रहे हैं: घरों में पूजा के काम आने वाली प्राय:
सभी चीजे जिनमें पूजा के लिये गोबर और मिट्टी से बनी वस्तुएं तथा अन्य देखते
ही पसंद आने वाले सजावटी सामानों की वेरायटी देखने व खरीदने मिल रही है: रायपुर के
लोगों के लिये यह अदभुत है इससे पहले ऐसा नजारा यहां कभी देखने को नहीं मिला: विवेकानंद सरोवर-बूढ़ा तालाब का कायाकल्प अपने आप में अदभुत और रोमांचक
है इसे देखने तो भारी सख्ंया में लोग यहां पहुच रहे हैं लेकिन खरीदी के लिये भी यहां
काफी भीड लगने लगी है:प्रशासन को चाहिये कि यहां लोगों की सुरक्षा और इस तालाब के आसपास
की सफाई और रखरखाव पर भी विशेष ध्यान दे ताकि इस सौदर्य में दाग न लगे: छोटे बच्चे
और महिलाएं, युवक-युवतियां बड़ी संख्या
मे यहां आते हैं ऐसे में स्वाभाविक है कि असामाजिक तत्वो की भी निगाह इसपर होगी पुलिस
प्रशासन पर इसपर विशेष ध्यन देने की जरूररत है: आसपास सदैव स्व्वच्छता रहे इसे
लिये यहां विशेष दस्ते की जरूररत है: रायपुर तथा बाहर से भी लोगों का आना-जाना
लगा हुआ है:इसमें कोई शक नहीं कि मुख्यमंत्री की पहल के बाद नए रूप में बूढ़ा
तालाब सभी को लुभा रहा है: शहर के मध्य स्थित होने के कारण बूढ़ा तालाब के विकास और सौंदर्यीकरण का अपना महत्व
है: दूरी कम होने के कारण प्राय: हर आदमी के लिये यहां पहुंचना आसान है: मनोरंजन
एवं पर्यटन की सुविधा भी यहां उपलब्ध है: सभी
वर्ग की आयु के लोगों के लिये यह स्थान अभी सुविधाजनक और उपयोगी है बशर्ते की इसका
रखरखाव भी पूरी तरह और अनिवार्य रूप से हो:देश के सबसे बड़े फाऊंटेन के साथ लेजर शो, रंगबिरंगी जगमगाती
लाइटे, म्यूजिकल फाउंटेन और टनल फाउंटेन और विशाल प्रवेश द्वार के साथ
यहां का भव्य स्वरूप सबके लिए आकर्षण का केंद्र तो है मगर इस बात का ध्यान रखना होगा
कि इसपर नजर असामाजिक तत्वों की भी है जिसका अनुभव पुराने विकास कार्यो के बाद हुए
चोरी से लिया जा सकता है जिसमें लोग यहां लगाये गये ग्रिल और कुर्सियां तक उखाडकर
ले जा चुके हैं:बहरहाल आज बूढ़ा तालाब का पूरा क्षेत्र पुराने रायपुर नगरवासियों के
मनोरंजन के साथ त्यौहारी सीजन में खरीददारी
का मौका भी दे रहा है: यहां स्व-सहायता
समूह की महिलाओं द्वारा तैयार जैविक एवं हर्बल उत्पाद आसान कीमत पर बेची जा
रही है:वैसे तो समूह द्वारा तैयार
उत्पादों की बिक्री अलग-अलग स्टालों में हो रही है लेकिन यहा सबसे आकर्षण का केंद्र
ग्राम सेरीखेड़ी के उजाला ग्राम संगठन के अंतर्गत महिला समूह द्वारा तैयार उत्पादों
की है:मीठा, नमकीन और चटपटे स्वाद वाले मिक्चर, पकवान, आचार,घर सजाने, दीया जलाने से लेकर
पूजा करने सहित अन्य सामान महिलाओं द्वारा तैयार बेकरी के एक से बढ़कर एक स्वादिष्ट
मिठाइयां, बिस्कुट, केक, नमकीन, सेव कुकीज, गरमा-गरम पेटीज सबका स्व्ाद चखने को यहां
मिल रहा है: सजावटी सामानों में गोबर से निर्मित आकर्षक दीये, गुलदस्ते, आकर्षक झालर भी उपलब्ध
है: महिलाओं द्वारा त्यौहार की जरूरतों को ध्यान रखा गया है, इसके साथ ही घर के लिए आवश्यक दैनिक जरूरतों से जुड़ी सामग्रियों
को भी बेचा जा रहा है: यहां कोरोना के संक्रमण से बचने हर्बल सेनेटाइजर, साबुन, हैण्डवाश, नीम, एलोविरा से निर्मित
साबुन, कैण्डल, मास्क, जूट वाले बैग, अगरबत्ती,हर्बल चायपत्ती, आदि बेची जा रही है हमे दुवा करना चाहिये कि शहर का यह सौदंर्य
सदैव बना रहे और इसे राष्ट्र ही नहीं विश्वस्तरीय सम्मान प्राप्त हो: