देश में हर पन्द्रह मिनट में एक लडकी की जिंदगी केसाथ खिलवाड !देश मे हर 15 मिनट के भीतर एक लडकी का जीवन बर्बाद होरहा है: उसके साथ रेप कर कहीं का नहीं रहने दिया जाता: यह बात हम नहीं कह रहे बल्किदेशभर में अपराधों को दर्ज़ करने वाली संस्था राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो(एनसीआरबी) का दावा है: देश मे हो
[12/09/2020 ]*नौकरी का भूत* (व्यंग्य-कविता)पढ़ लिख के मैं बड़ा हुआ जब, ये मन में मैने ठाना ।जिन सब का था कर्ज पिता पर, वो मुझको जल्द चुकाना ।नौकरी की आस को लेकर, निकला घर से मतवाला ।सफल सफर करके भैया मैं, पहुच गया हूँ अम्बाला।***दो महिनें तक करी नौकरी , मन को थी कुछ ना भायी ।पता चला कुछ भर्ती निकली
वक़्त कब बदल जाए भरोसा ही नहीं है ,वक्त जिंदगी का दाव पर लगा एक जुआ है ;वक्त के साथ जो चला,जिंदगी को उसने भरपूर जिया; जिसने वक्त को ठुकरा दिया,वह कभी सफल ना होपाया। वक्त हमारा कभी मोहताज ना रहा,हम उसके मोहताज रहे;वक्त वक्त की बात है, हर किसी का वक्त बदलता है ; अर्श से
छोटे तो सब अच्छा था बड़े होकर जैसे भूल हो गईपहले खेलते थे मिट्टी से जनाब लेकिन अब तो जिंदगी ही धूल हो गई कोई डांट देता था तो झट से रो जाया करते थे फिर पापा मम्मी के सहला देने से तो आराम से सो जाया करते थे अब कोई डांट दे तो रोते नहीं अब आराम से सोते नहीं दोस्तों अब तो
जिंदगी लंबी नहीं बड़ी हों कमी न हो जिंदगी में प्यार की घड़ी सांचा प्रेम हों तो मूरत बोले माटी की, दूरी ने कर दिया, तुझे और भी करीब तेरा ख्याल आकर ना जाए तो क्या करें। तुझसे दूर होकर, ऐसे वक्त गुजर रहा है, कि बिन होंठ हिले, मैंने तुझे पुकारा है। जब तेरे दिल में एहसास ही ना बचा मेरा तो मेरे होने या ना
छूट गयी है जिंदगी की धूरी लड़ रहे हैं नेता कुर्सी के लिए लड़ रहे हैं लोग धर्म को श्रेष्ठ बनाने के लिए लड़ रहे हैं बच्चे जीत के लिए लड़ रहा है युवा बेरोजगारी के लिए लड़ रहा है सैनिक सरहद बचाने के लिए लड़ रहा है वकील सच झूठ का जामा पहनाने के लिए लड़ रहा है मरीज जिंदगी पाने के लिए लड़ रही है औरत सम्मान
🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅विधार्थी जीवन 🧑💻👨🎓🙇♂ में समय का ⏰महत्व👇👇👇समय की सही किमत ⏱ पहचानने वाला ही सफलता का सितारा 🌟बनाता है। विधार्थी जीवन के गुजरते हर क्षण 🕰करोड़ों हीरों 💎💎💎 से भी अधिक मूल्यवान होते हैं ‼️ क्योंकि ये जीवन में सुख, शान्ति और सफलता 🏆🥇प्रदान करने वाले होते है
🌹🙏जीवन बदलने वाली कहानी🙏🌹पिता और पुत्र साथ-साथ टहलने निकले,वे दूर खेतों 🌾🌿की तरफ निकल आये, तभी पुत्र 👱 ने देखा कि रास्ते में, पुराने हो चुके एक जोड़ी जूते 👞👟🥾उतरे पड़े हैं, जो ...संभवतः पास के खेत में काम कर रहे गरीब मजदूर 👳♀ के थे.पुत्र को मजाक 🧐सूझा. उसने पिता से कहा क्यों न आज की श
प्रेरणादायक कहानी एक औरत बहुत महँगे कपड़े में अपने मनोचिकित्सक के पास गई. वह बोली, "डॉ साहब ! मुझे लगता है कि मेरा पूरा जीवन बेकार है, उसका कोई अर्थ नहीं है। क्या आप मेरी खुशियाँ ढूँढने में मदद करेंगें?"मनोचिकित्सक ने एक बूढ़ी औरत को बुलाया जो वहाँ साफ़-सफाई का काम करती थी और उस अमीर औ
हक न सही जीने की आजादी दो।देश की कोहनूर है बेटियाँ, इन्हें चुराया नही जाता।घर की शान है बेटियाँ बचाया और पढ़ाया जाता।वक्त आने पर बेटी किसी और के लिए सजाई जाती।एक और दुनियाँ बसाने के लिए दुल्हन बनाई जाती ।चीख़-चित्कार के झमेलों में क्यो फसाई जाती है बेटीयाँ?नूर और हूर होने के बावजूद क्यो छेड़ी जाती है ब
ए जिंदगी तू है तो रहस्य... तुझे तरस कहूं ,तुझे ओस कहूं तुझे पारस कहूं, तुझे नूर कहूं तुझे धारा कहूं, तुझे किनारा कहूं तुझे धानी चुनर कहूं , तुझे काली ओढ़नी कहूं तुझे आस कहूं, तुझे विश्वास कहूं तुझे रंग कहूं, तुझे जंग कहूं तुझे पतंग कहूं, तुझे बहता नीर कहूं तुझे उपहार कहूं, तुझे अभिशाप कहूं तुझे कर्म
माना हम चिट्ठियों के दौर में नहीं मिलें, डाकिए की राह तकी नहीं हमने। हम मिले मुट्ठियों के दौर में। जिसमें रूमाल कम, फोन ज्यादा रहता था। माना हम किताब लेने देने के बहाने नहीं मिलें, जिसे पढ़ते, पलटते सीने पर रख, बहुत से ख्वाब लिए उसके साथ सो जाया करते। हम मिले मेसेज, मेसेंजर, वाट्स अप, एफ बी, इंस्टा
दुनिया में आए अकेले हैं। दुनिया से जाना अकेले हैं। दर्द भी सहना पड़ता अकेले हैं। लोग मतलब निकलते ही छोड़ देते अकेला है। तो फिर काहे की दुनियादारी, लोगों से दूर रहने में ही ठीक है। दर्द जब हद से गुजरता है तो गा लेते हैं। जिंदगी इम्तिहान लेती है। कभी इस पग में कभी उस पग में घुंघरू की तरह बजते ही रहें
जिन्दगी सफल होती है ज़िंदादिली से, हरदिल अज़ीज़ होती है अपनेपन से।अपने ही तो बुनते है तानाबाना ज़िन्दगी का,अपनों से ही बनता है आशियाना जिंदगी का।कब से मै तलाशता फिर रहा अपनों को,कोशिश कर रहा रंगों से भरने की, इस वीरान जिंदगी को।आज मै बहुत खु
एक पल का शकजो खुशी थी मेरे पास वह भी तुमने छीन ली।अब क्या बचा मेरे पास जो सवाल पूछती हो।देखती थी अपना चेहरा मेरे चेहरे मे तब मै आईना था।वक्त बे वक्त मौसम की तरह बदलने का नाम दिया।नहीं बदला तो पत्थर दिल मान लिया जाता।मोम भी इतनी आसानी से नहीं पिघलती, उसे भी आग पिघलाती हैं।बाद मे यही कहते हैं कि जलने
Jindagi ki hakikatप्रिय स्नेही मित्रों जय श्रीकृष्णा *जिंदगी की हकीकत एक प्रेरक प्रसंग = एक सभा में गुरु जी ने प्रवचन के दौरान**एक 30 वर्षीय युवक को खडा कर पूछा कि* *- आप मुम्बई मेँ जुहू चौपाटी पर चल रहे हैं और सामने से एक सुन्दर लडकी आ रही है तो आप क्या करोगे ?* *य
दोहावली मार्गशीर्ष की ठण्ड में , प्रियतम गए विदेश lपूस माघ रोता फिरे, फागुन दे सन्देश ll सतरंगी थी जिंदगी , सात वचन के साथ l मन की रंगत ले गए , मुझको किया अनाथ llसधवा मन विधवा हुआ ,कर
हम वह नहीं जो तेरा साथ छोड़ देंगेहम वो नहीं जो तुम से मुंह मोड़ लेंगेहम तो वह हैं दोस्तजब टूटेगी तेरी सांस तो अपनी सांस जोड़ देंगे
सिलवटें ही सिलवटें है ज़िंदगी की चादर परकितना भी झाड़ों,फटकोबिछाकर सीधा करोकहीं न कहीं से कोई समस्या आ बैठतीनिचोड़ती,सिकोड़तीज़िंदगी को झिंझोड़ती हैफिर सलवटों से भरकर अस्त-व्यस्त ज़िंदगीफिर ग़म को परे झटकतीआँसुओं में भीगती फिर आस में सूखतीफीके पड़ते रंगों से अपना दर्द