जिंदगी कितना प्यारा सा लफ्ज़ है, कितने गाने लिखे गए, कितनी कविताएं लिखी गई, कितनी शेरो-शायरी हुई, पर जिंदगी कैसी है पहेली ना वो जाने ना हम. ये जिंदगी क्या कभी हमारी अपनी भी होती है? क्या हमारा भी अपनी जिंदगी पर कोई अधिकार है? क्य
ता उम्र भागते रहे सुकून की तलाश में वही नहीं खोजा जहां रहता है वो अंतरमन मे
एक माइंडफुलनेस तकनीक है जिसे मैं अब कई वर्षों से अभ्यास कर रहा हूं, और जब मैं यह कर सकता हूं, तो यह जादू की तरह है।अभ्यास अहंकार को गिरा रहा है – मेरी आत्म-चिंता को छोड़ रहा है, हर चीज से अलग होने की मेरी भावना और हर चीज के साथ पूर्णता
बह्र- 2122 2122 2122 2122 रदीफ़- चलते बने थे, काफ़िया- आ स्वर"गज़ल" जिंदगी के दिन बहुत आए हँसा चलते बने थेनैन सूखे कब रहे की तुम रुला चलते बने थेदिन-रात की परछाइयाँ थी घूरती घर को पलटकरदिन उगा कब रात में किस्सा सुना चलते बने थे।।मौन रहना ठीक था तो बोलने की जिद किये क्योंकाठ न था आदमी फिर क्यों बना चलते
“मुक्तक”मापनी- २१२२ २१२२ २२१२ २१२जिंदगी को बिन बताए कैसे मचल जाऊँगा। बंद हैं कमरे खुले बिन कैसे निकल जाऊँगा। द्वार के बाहर तेरे कोई हाथ भी दिखता नहीं- खोल दे आकर किवाड़ी कैसे फिसल जाऊँगा॥-१ मापनी- २२१२ २२१२ २२१२ २२१२जाना कहाँ रहना कहाँ कोई किता चलता नहीं। यह बाढ़ कैसी आ गई
दिल्ली दिल्ली गीत: यह रिया सेन, वीना मलिक, राजपाल यादव और राजन वर्मा अभिनीत जिंदगी 50-50 का उत्कृष्ट गीत है। दिल्ली दिल्ली देव नेगी द्वारा गाया जाता है।ज़िन्दगी ५०-५० (Zindagi 50-50 )दिल्ली दिल्ली (Delhi Delhi ) ज़िन्दगी ५०की लिरिक्स (Lyrics Of Delhi Delhi )दिल्ली दिल्लीदिल दे शेहर लगे साणु वि प्या
फिल्म जिंदगी 50-50 - 2013 से रब्बा गीतों के साथ पढ़ें और गाएं जो रावत फतेह अली खान और रेखा भारद्वाज द्वारा गाया जाता है। आप जिंदगी 50-50 से अन्य गाने और गीत भी प्राप्त कर सकते हैं।ज़िन्दगी ५०-५० (Zindagi 50-50 )रब्बा (Rabba ) ज़िन्दगी ५०की लिरिक्स (Lyrics Of Rabba )सोचा न था मैंने कभीऐसा भी दिन आएग
तोह से नैना गीत जिंदगी 50-50: तोह से नैना 2013 बॉलीवुड फिल्म जिंदगी 50-50 से एक सुंदर हिंदी गीत है। रेखा भारद्वाज ने इस गीत को गाया है।ज़िन्दगी ५०-५० (Zindagi 50-50 )तोह से नैना (Toh Se Naina ) ज़िन्दगी ५०की लिरिक्स (Lyrics Of Toh Se Naina )तोह से नैना लागे पियातोह से नैना लागे पियातोह से नैना लागे
जिंदगी 50 50 जिंदगी 50-50 गीत: जिंदगी 50 50 2013 बॉलीवुड फिल्म जिंदगी 50-50 से एक सुंदर हिंदी गीत है। बप्पी लाहिरी, गुफी और अंतरा मित्र ने इस गीत को गाया है।ज़िन्दगी ५०-५० (Zindagi 50-50 )ज़िन्दगी ५० ५० (Zindagi 50 50 ) ज़िन्दगी ५०की लिरिक्स (Lyrics Of Zindagi 50 50 )एक छोड़ के दूजे को पकडेतीजा नाच न
"Zindagi 50-50" is a 2013 hindi film which has Riya Sen, Veena Malik, Rajpal Yadav, Rajan Verma, Aarya Babbar, Supriya Kumari, Murli Sharma, Atul Parchure, Ganesh Yadav, Kiran Janjani, Kurush Deboo, Ashok Beniwal, Raj Premi and Adi Irani in lead roles. We have 4 songs lyrics, 2 video songs and one
जिंदगी है एक पहेली, कभी तो लगती नई नवेली ,मगर जीना नहीं चाहने पर बहुत कुछ सुझाती है जिंदगी,मौत करीब हो तो हँसाती है ,जिंदगी रहती है मौन मगर बहुत कुछ कह जाती है जिंदगी
मैंने पूछा जिंदगी से की "तुम इतनी कठिन क्यों है ..? जिंदगी ने हसकर कहा " क्योकि दुनिया आसान चीज़ो की कदर नहीं करती " |
ज़िंदगी तू है और एक मैं समझना तुझे चाहती हूँतू मेरी समझ से है दूर,बहुत दूर कभी छू कर महसूस करना चाहुँ , तो लगता है, तू भाग रही है | तुझे बढ़कर रोकना चाहुँ , तो लगता है, तू पहले से ही थमी है | हर पल रंग बदलती ह
वह मुझसे , मैं उससे थोड़ाखिंचे-खिंचे से रहते हैं ,होते हरदम साथ, मगरकुछ तने तने से रहते हैं !उससे मेरी यही शिकायतउसने मुझे नकारा है ,उसका कहना ,सदा चुनौती रखमुझको ललकारा है !मेरा कहना - कड़ी धूप मेंउसने मेरी परीक्षा लीजब आँधी तूफ़ान चलेमेरे सिर से छतरी हर ली!जब मैं अपने घाव गिना करदोषी उसे
मेरी बर्बादी देख कर हँस रहे थे वो, और उनकी हसीं देख कर बर्बाद हो रहे थे हम.
आज की जिंदगी काफी दौडती-भागती हुई हो गई है ।अधिकतर व्यक्ति अपने काम से खुश नही होता मगर दूसरो के काम को देखकर कहता है कि सामने वाले का काम अच्छा है हमे तो बहुत मेहनत करनी पडती है।लोगो का दिनचरिया ठीक नही होता है, उन्हे समय सही प्रयोग नही आता है। मगर जीवन है तो संघर्ष करना पडेगा
जब हंगामे में सवालों का वजूद तक ख़त्म हो जाता हो, तब जवाब कहां से मिलेगा. सवालों के चक्रव्यूह में घिरी जिंदगी, महाभारत के अभिमन्यु सरीखी हो गई है. न तो अभिमन्यु चक्रव्यूह तोड़ पाया और न ही जिंदगी को सवालों के जवाब मिलने वाले है. बात सीधी सी है सवाल होते ही जब हंगामा हो जाता है, तब जवाब से पहले सवाल
साथ तुम दो जो अगर जिंदगी बदल जाये ,मुश्किलों के सभी हल आज ही निकल जाये, आये दिन लड़खड़ाते रहते हैं ये मेरे कदम,हाथ तुम थाम लो सारे कदम संभल जाये, इक तुम्हारी कमी से रब से गिले-शिक़वे हैं,तुम जो मिल जाओ शिकायत की शाम ढल जाये, यूँ मेरी राह को काँटों ने सजाया है मगर,साथ तुम जो चलो कलियाँ हजार खिल जाये, जि
हर घड़ी गम से गुफ़्तगू में निकल जाती है,गम अगर छोड़े कभी तो कहीं ख़ुशी से मिलूं, आँखों में अश्क़ की नदियां-सी उभर आती है,आँखों के अश्क़ रुके तो कहीं हँसी से मिलूं, राह कोई भी चलूँ जख्म हैं स्वागत में खड़े,दर्द फुर्सत दे अगर तो कहीं राहत से मिलूं, रोजमर्रा की जरूरतों से जंग जारी है,प्यास-पानी से बढे बात तो
जिंदगीबचपन बड़ा होता हैं आँगन मेंऔर आँगन मेंतैरती हैं नावउड़ती हैं पतंगखेलते हैं खिलोनेआ जाते हैं राहों मेंऔर राहें मिलती हैंतिरहों परचोरहो परऔर एक दिन येंराहेंफँस जाती हैं जाम में(जिंदगी)पीयूष गोयल http://www.piyushgoel.in