वक़्त कब बदल जाए भरोसा ही नहीं है ,
वक्त जिंदगी का दाव पर लगा एक जुआ है ;
वक्त के साथ जो चला,जिंदगी को उसने भरपूर जिया;
जिसने वक्त को ठुकरा दिया,वह कभी सफल ना होपाया।
वक्त हमारा कभी मोहताज ना रहा,हम उसके मोहताज रहे;
वक्त वक्त की बात है, हर किसी का वक्त बदलता है ;
अर्श से फर्श पर पहुंचाता है ,तो कभी फर्श से अर्श पर पहुंचाता है ।
जिंदगी की रफ्तार है वक्त , जिंदगी को चलाएं रखता है हर वक्त।
वक्त भी कभी गज़ब ढाता है , वक्त का सितम हर वक्त बरसता है ।
वक्त के साथ चलना सीखो यारों, वरना तुम्हें बहुत पीछे छोड़ जाएगा ;
जिसने वक़्त के साथ कदम बढ़ा लिए, वही आने वाले वक्त का बादशाह कहलाएगा।
वक़्त के पाबंद बनों यारों, वह करेगा तुम्हारी भी कद्र;
गर करोगे वक़्त का आदर,वही तुम्हे बनाएगा समाज में भद्र।
सही और बुरे वक़्त की करो पहचान,वर्ना अधूरे रह जाएंगे तुम्हारे अरमान।
वक़्त बहुत है कम ज़िन्दगी में,समेट लो सारी खुशियां इसी वक़्त पे;
एक बार जाने वाला वक़्त,ये दोबारा नहीं आता;
जी ले तू ज़िन्दगी जी भर के,ऐसा वक़्त दोबारा नहीं आता।