नया सवेरा *************************** लॉकडाउन ने क्षितिज को गृहस्वामी होने के अहंकार भरे " मुखौटे" से मुक्त कर दिया था, तो शुभी भी इस घर की नौकरानी नहीं रही। प्रेमविहृल पति-पत्नी को आलिंगनबद्ध देख मिठ्ठू पिंजरे में पँख फड़फड़ाते हुये..*************************** क्षितिज कभी मोबाइल तो कभी टीवी
हर व्यक्ति अपनी जीवन का हीरो स्वयं होता है जीवन में कठिनाइयां न हो तो इंसान कि परख नहीं हो सकती अगर हम मुश्किलों से डर जाए और घबरा कर भाग्य को दोष देने लगें तो इससे उत्थान कैसे संभव है रावण के बिना राम राम न होते बिना कंस के आतंक के कृष्ण कृष्ण न होते
सभी महिलाओं को समर्पित============================बेटा घर में घुसते ही बोला ~ मम्मी, कुछ खाने को दे दो, बहुत भूख लगी है.यह सुनते ही मैंने कहा ~ बोला था ना, ले जा कुछ कॉलेज. सब्जी तो बना ही रखी थी.बेटा बोला ~ मम्मी, अपना ज्ञान ना ... अपने पास रखा करो. अभी जो कहा है, वो कर दो बस, और हाँ, रात में ढंग क
*माँ मैं फिर**माँ मैं फिर जीना चाहता हूँ, तुम्हारा प्यारा बच्चा बनकर**माँ मैं फिर सोना चाहता हूँ, तुम्हारी लोरी सुनकर,* *माँ मैं फिर दुनिया की तपिश का सामना करना चाहता हूँ, तुम्हारे आँचल की छाया पाकर**माँ मैं फिर अपनी सारी चिंताएँ भूल जाना चाहता हूँ, तुम्हारी गोद में सिर रखकर,* *माँ मैं फिर अपनी भूख
धैर्य की परीक्षा संत एकनाथ को अपने उत्तराधिकारी की तलाश थी वे किसी योग्य शिष्य को यह दायित्व सौंपना चाहते थे। उन्होने शिष्यों की परीक्षा लेनी चाही ।एक दिन उन्होंने सभी शिष्यों को बुलाया ओर एक दीवार बनाने का निर्देश दिया ।शिष्य इस काम में जुट गए ।दीवार बन कर तैयार भी हो गई ।लेकिन तभी एकनाथ ने उसे तो
*आज का प्रेरक प्रसंग* *!! दो शब्द !!*---------------------------------------------बहुत समय पहले की बात है, एक प्रसिद्द गुरु अपने मठ में शिक्षा दिया करते थे। पर यहाँ शिक्षा देना का तरीका कुछ अलग था, गुरु का मानना था कि सच्चा ज्ञान मौन रह कर ही आ सकता है; और इसलिए मठ में मौन रहने का नियम
एक बार कि बात है एक कस्बे में पति औरपत्नी रहते थे, दोनों की उम्र 25 साल थी वो दोनों ही विवाह के लिए मानसिक रुप सेतैयार नहीं थे हालांकि दोनों की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी। दोनों ही सजातीय थे औरदोनों के परिवार एक ही गांव में रहते थे तो उनके परिवा
एक बार एक धनी व्यापारी विश्व भ्रमण के लिए निकला. घुमते हुए वह नीदरलैंड के शहर एम्सटर्दम पंहुचा. यह शहर पर्यटकों को बहुत प्रिय है. वहां उसने एक बहुत ही भव्य एवं सुन्दर महल देखा. उस महल को देखकर उसे अपना वि
रात के 10 बजेथे। 18 साल की रज्जो अपनी साइकिल से खेतसे गुजरने वाले रास्ते से तेज-तेज गति में निकल रही थी। तभी धनिया वहां कुछ काम कररहा था, बोला “ अरे इतनी रात को क्या काम है तुझे ? क्या प्रेमी से मिलने जा रही है जो अंधेरे का वक्त चुना है तुने, कुछ डरहै कि नहीं तुझे, औरत ज
आज का प्रेरक प्रसंग ग्लास को नीचे रख दीजिये-------------------------------------------------एक प्रोफ़ेसर ने अपने हाथ में पानी से भरा एक Glass पकड़ते हुए Class शुरू की . उन्होंने उसे ऊपर उठा कर सभी Students को दिखाया और पूछा , ” आपके हिसाब से Glass का वज़न कितना होगा?” ’50gm….100gm…125
आज का प्रेरक प्रसंगदो सांपों की कहानी*एक बार एक राजा था जिसका नाम था देवशक्ति वह अपने बेटे से बहुत निराश था, जो बहुत कमजोर था। वह दिन व दिन दुबला और कमजोर होता जा रहा था। दूर के स्थानों से प्रसिद्ध चिकित्सक भी उसे ठीक नहीं कर पा रहे थे। क्योंकि उसके पेट में साँप था। उन्होंने सभी तरह के उपचारों की को
ये कौन ? फिरंगी! हाय राम... जिन्होंने हमारे देश को गुलाम बनाया था। सतीश की 80साली दादी बोली।सतीश “अरे अंग्रेजों को भारत छोड़े हुए कई साल बीत चुके है वो तो बस घुमने फिरनेआते है हमारे देश में, जैसे कि हम उनके देशों की सैर करने जाते हैं." ये हमारेगांव में क्या कर रहा है ? "
पूर्णिमा " तुम एक ही हफ्ते भर में चार दिन भूखी रह जाओगी, तो शरीर में ना मांस बचेगी ना खून " , हमेशा की तरह फिर से पिता जी ने भृकुटि को सिकोड़कर अपने पौरुषेय शैली में मां पर गुस्सा निकालना शुरु किया. "अगर दिन रात मैं खट कर तुम लोगों को मन पसंद खाना खिला सकती हूं, घर का
अचानक विजय के पास स्मृति का फोन आयाकहने लगी मुझे तुम एयरपोर्ट तक छोड़ दो ना।तब विजय चौंककर बोला “आजअचानक मुझे क्यों कॉल कर रही हो क्या तुम्हारे माता पिता नहीं छोड़ सकते हैतुम्ह
“चलो यार ज़रा कैंची लाना मैं इसके सामने के थोड़े से बालकाट दूं.”“रेडीहो ना ? पीछे के बाल लंबे ही रहेंगे बस सामने से थोड़ा स्टाइलिशलुक आ जाएगा। क्या है आपका फ़ेस थोड़ा पतला है तो भरा भरा लगेगा.”“बहुत ज्यादा नहीं लेकिन थोड़ा बहुत ज़रुरी है मेक-अप भी,काजल की पतली धार, हल्क
नरूला साब मैनेजर बने तो मिसेज़ नरूला का जनरल मैनेजर बनना स्वाभाविक ही था. भई मैनेजर की कुर्सी पर बिठाने में धक्का तो मिसेज़ नरूला ने भी लगाया था! शायद इसीलिए उन्हें ज्यादा बधाइयां मिल रही थीं. उन्हीं के दबाव में साब और मेमसाब दोनों बाज़ार गए. मेमसाब ने कुछ नई शर्ट पैन्ट दिलव
श्याम गहरे सांवले रंग का लड़का था जिसका कद 5फीट 8 इंच था और उसकी काठी मध्यम थी, शायद उसके सांवले सलौने और मनोहर रुप के चलते ही उसके माता-पिताने उसका ये नाम रखा था। वो अपने पड़ोस में रहने वाली लड़की की तरफ काफी आकर्षित था,जो कि एक प्राइवेट अस्पताल में नर्स थी। मध्यम कद का
पुराने समय की बात हैनगर में सेठ ध्यानचंद रहते थे। वो अपने एक बेटे और पत्नी के साथ सुखमय जीवन व्यतीतकर रहे थे। उनकी दो बेटियां भी थी जिनका विवाह हो चुका था। उनके पुत्र का विवाह भीपड़ोसी शहर में रहने वाले कुलीन घर की कन्या से हुआ था। उनकी बेटे के भी दो छोटे –छोटे पुत्र थे।
रजनी उर्फ़ रज्जो अपने माता पिता की पहली संतान थी. दोनों खुश थे पर बापू सोच रहा था अगली बार लड़का होना चाहिए. लड़की दो साल की होने वाली थी पर कोई बात या किसी शब्द का उच्चारण ही नहीं कर रही थी तो वो डॉक्टर से मिले. उन्हीं बताया गया की शहर के बड़े अस्पताल में दिखाना होगा. जीभ नि
मनीषा औरविकास की ज़िंदगी यूं तो बहुत अच्छे से चल रही थी, घर में किसी सुविधा की कमी नहींथी। फिर भी मनीषा को एक अकेलापन हमेशा खाए जाता, विकास भी हाई सैलरी वाली जॉब कररहा था तो वहीं मनीषा एक प्राइमरी स्कूल में प