एक बार कि बात है एक कस्बे में पति और पत्नी रहते थे, दोनों की उम्र 25 साल थी वो दोनों ही विवाह के लिए मानसिक रुप से तैयार नहीं थे हालांकि दोनों की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी। दोनों ही सजातीय थे और दोनों के परिवार एक ही गांव में रहते थे तो उनके परिवार वालों ने सोचा क्यों ना इन दोनों का ब्याह कर दिया जाए। काफी ना नुकूर के बाद दोनों मान गए। लड़का बेहद गोरा था और लड़की का रंग गेहुआं और आकर्षक व्यक्तित्व था। दोनों गांव से दूर एक कस्बें में एक किचन और एक कमरे वाले घर में रहने लगे। लड़का शहर में एक छोटी सी नौकरी करने लगा जिसमें उसे केवल 5-6 हजार ही मिला करता था। दो हजार किराए में ही चले जाते थे। शादी के कुछ दिन तो ठीक चला फिर लड़का लड़की में थोड़ी अनबन होने लगी। लड़की कहने लगी दिनभर वो काम करके थक जाती है तो उसका मन होता है कि बाहर घुमने जाए लेकिन उसका पति बचत का बहाना बनाकर टाल जाता। लड़की ने भी एक दो स्कूल में टीचर की जगह के लिए अप्लाई किया था लेकिन उन्होंने कहा कि वो उसे बीएड होने के बाद ही लेंगे। लड़की को भी लगने लगा कि उसकी सहेलियों के पति अच्छा-खासा कमाते है तो उनका लाइफ़स्टाइल उनसे काफी अच्छा है और वो काफी पीछे रह गई है उनसे।
हालांकि दोनों पढ़ाई में बहुत अच्छे थे लेकिन अभी उनका वक्त नहीं आया था, लड़की अंग्रेजी में ग्रेजुएट थी और लड़का गणित में।
कई बार वो एक दूसरे की कमियां ढूंढते हुए बहस करने लगते, कई दिन बातचीत भी नहीं होती लेकिन एक वजह से दोनों को बात करनी पड़ती वो थी कि वो दोनों ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे तो लड़का लड़की को गणित पढ़ा देता और लड़की लड़के को अंग्रेजी।
शादी के दो साल बाद दोनों का चयन अधिकारी के तौर पर हो गया ऐसे में दोनों बहुत ख़ुश थे लेकिन एक बात पर दुखी थे कि दोनों का चयन अलग-अलग जिलों के लिए हुआ, शायद उनके एक जगह ट्रांसफर में कई साल लग जाए ये बात उन्हें खटक रही थी और वो सोच रहे थे जो पुराना वक्त था वो असल में एक अच्छा वक्त था शायद आगे कि व्यस्त ज़िंदगी में उन्हें पद पैसा और आराम मिल सकता है लेकिन उस साथ के लिए वो तरस जाएंगे जिसके लिए वो अपने नसीब को कोसते थे। ख़ैर स्थिती जैसी भी हो सुनहरे भविष्य के लिए वर्तमान के सुख को अनदेखा करना ही उनकी सबसे बड़ी भूल थी ये वो समझ चुके थे।
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