भगवान विष्णु के बाल स्वरूप को लड्डू गोपाल कहा जाता है। कई लोग उन्हें अपने घर लाते हैं और एक बच्चे की तरह ही उनकी देखभाल और सेवा करते हैं। कार्तिक माह में थोड़ी-थोड़ी ठंड शुरू हो जाती है। ऐसे में लड्डू जी के सेवा के नियम भी थोड़े बदल जाते हैं। तो चलिए जानते हैं कि कार्तिक माह में लड्डू गोपाल जी की सेवा के नियम।
कार्तिक माह में इस तरह करें लड्डू गोपाल जी की सेवा।
इस साल कार्तिक माह की शुरुआत 19 अक्टूबर से हुई थी, जिसका समापन 27 नवंबर को होगा। यह महीना भगवान विष्णु का प्रिय माह माना गया है, इसलिए कार्तिक माह में विष्णु जी पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसे में उनके ही बाल स्वरूप अर्थात लड्डू गोपाल जी की सेवा के लिए भी यह माह विशेष महत्व रखता है। आइए जानते है कार्तिक माह में लड्डू गोपाल जी की सेवा के नियम।
कार्तिक माह में इन बातों का रखें ध्यान
कार्तिक माह में आप लड्डू गोपाल जी को सूर्यास्त के बाद भी जगा सकते हैं। साथ ही इस माह में देर तक भी गोपाल जी की आरती की जा सकती है। रात के समय आप ऊन से बना वस्त्र ओढ़ाकर लड्डू गोपाल जी को सुला सकते हैं।
ऐसे कराएं स्नान
कार्तिक माह में लड्डू गोपाल जी को हल्के गुनगुने पानी से स्नान कराएं। आप स्नान के पानी में काले तिल भी मिला सकते हैं। इससे साधक को विशेष लाभ मिलता है। कार्तिक माह से ही हल्की-हल्की ठंड शुरू हो जाता ही है। ऐसे में आप लड्डू गोपाल को ऊन से बने गर्म कपड़े पहना सकते हैं।
इन चीजों का लगाएं भोग
कार्तिक के महीने में आप लड्डू गोपाल को गुड़ और तिल से बने लड्डूओं का भोग लगाना लगा सकते हैं। क्योंकि इनकी तासीर गर्म मानी जाती है। ध्यान रहे कि गोपाल जी के भोग में तुलसी दल जरूर डालें, क्योंकि तुलसी के बिना उनका भोग अधूरा माना जाता है।