71 वर्षीय पुतिन ने शुक्रवार को राष्ट्रपति पद के लिए अपने नाम की घोषणा की। वह 2030 में भी दोबारा राष्ट्रपति पद के लिए अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं। अगले साल मार्च में होने वाले रूसी राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 15-17 मार्च को होगा। इस चुनाव में एक बार फिर से पुतिन की जीत तय है। इस बीच अधिकांश विपक्षी हस्तियों को जेल में डाल दिया गया है।
2024 राष्ट्रपति चुनाव में पुतिन की जीत पक्की।
अगले साल मार्च में होने वाले रूस के राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जीत पक्की है। पुनर्निर्वाचन का लगभग पूरा आश्वासन मिलने के बाद अब विपक्षी दल ने पुतिन की छवि को कमजोर करने की पूरी कसम खा ली है।
हालांकि, उनका मानना है कि पुतिन को ही राष्ट्रपति घोषित किया जाएगा चाहे मतदाता अपना मत कैसे भी डालें। वहीं, यूक्रेन पर एक साल से ज्यादा समय तक हमले करने और लोगों द्वारा इसका विरोध प्रदर्शन करना पुतिन के लिए नाकारात्मक साबित हो सकता है।
2030 में भी लड़ेंगे राष्ट्रपति चुनाव
71 वर्षीय पुतिन ने शुक्रवार को राष्ट्रपति पद के लिए अपने नाम की घोषणा की। बता दें कि वह 2030 में भी दोबारा राष्ट्रपति पद के लिए अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं। अगले साल मार्च में होने वाले रूसी राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 15-17 मार्च को होगा। इस चुनाव में एक बार फिर से पुतिन की जीत तय है। इस बीच अधिकांश विपक्षी हस्तियों को या तो जेल में डाल दिया गया है या वे देश छोड़कर भाग गए हैं। वहीं, लगभग सभी स्वतंत्र समाचार आउटलेटों को अवरुद्ध कर दिया गया है।
विपक्षी का क्या है कहना?
कई साल पहले रूस छोड़ने वाले लियोनिद वोल्कोव ने कहा, 'हमारा काम यह सुनिश्चित करना है कि जिन मुद्दों को हम जनवरी, फरवरी, मार्च में उठा सकेंगे और सार्वजनिक एजेंडे में ला सकेंगे, वे चुनाव के बाद भी रूसियों के साथ बने रहेंगे।'
जैसे ही पुतिन ने अपने नामांकन की घोषण की वैसे ही विपक्षी टीम ने मॉस्को, सेंट पीटर्सबर्ग और अन्य रूसी शहरों में कई बिलबोर्ड लगाए। इन बिलबोर्ड पर रूस और हैप्पी न्यू ईयर लिखा हुआ था और क्यूआर कोड के साथ एक वेबसाइट लिंक था जिसमें लिखा था 'पुतिन के बिना रूस'। इस वेबसाइट में लोगों से 'पुतिन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कम से कम 10 लोगों को मनाने का आग्रह करने की अपील की गई है।
क्या है विपक्षियों का मुख्य उद्देश्य?
विपक्षी नेता गेन्नेडी गुडकोव ने समाचार एजेंसी AP को बताया कि इस अभियान का सामान्य लक्ष्य रूसियों को यह समझाना है कि 'पुतिन के बिना भविष्य कैसा हो सकता है' कोई युद्ध नहीं, कोई दमन नहीं, सरकार अर्थव्यवस्था, विज्ञान और शिक्षा जैसी चीजों पर ध्यान केंद्रित कर चुनाव प्रचार का प्रमुख उद्देश्य है।
विपक्षी ने पहले ही एक उम्मीदवार का समर्थन करते हुए येकातेरिना डंटसोवा को चुनावी मैदान में उतारने की कोशिश कर रही है। येकातेरिना डंटसोवा मॉस्को के उत्तर में टेवर क्षेत्र की एक पत्रकार और वकील है जो कभी स्थानीय विधायिका की सदस्य थी। डेविडोव ने कहा, पुतिन को चुनौती देने के लिए एक विपक्षी उम्मीदवार को पंजीकृत करना जरूरी है। उन्होंने कहा, 'हम नतीजे, जीत की दिशा में काम करेंगे और देखेंगे कि क्या होता है।'