shabd-logo

कोरोना

hindi articles, stories and books related to Korona


#कोरोना त्रासदी । #मजदूरों का #पलायन#मोदी_सरकार_की_विफलता#निष्पक्ष व सटीक #विश्लेषणसंविधान की शक्तियों का उपयोग करें।नागरिकों की जान माल स्वास्थ्य व कोरोना की राष्ट्रीय त्रासदी में सुप्रीम कोर्ट व जनता कि नाराजगी कोई मोल लेने का दुस्साहस नहीं करेगा किंतु इच्छाशक्ति तो मोदी साहिब को ही दिखानी होगी।वि

featured image

Covid-19 coronavirus Disease-2019 कोरोना वायरस के कहर से हम भलीभाँति अवगत हैं देश का मीडिया पल पल की खबर आप तक पहुँच

कोरोना माहमारी , जिसे चीनी वाइरस भीबोला जाने लगा है, के कहर के चलते लगभग 8 अरब (7.70 अरब) की दुनिया में 2 लाख से अधिकलोग अकाल मृत्यु की गोद में समा चुके हैं। रोज कीतरह ही आज 29 April ,20 को भी न्यूज़ पेपर्स में मेरी नजर मौतों की इन्हींआंकड़ों पर पडी। संपन्न व् अन्य देशों में जैसे अमेर

featured image

कोरोना, एक ऐसी बीमारी जो मात्र छूने से फैल रही है, जिसने पूरे विश्व को हिला कर रख दिया है । विश्व में कई देश इस महामारी के चलते लॉक डाउन हैं। इसके कारण पूरे विश्व की आर्थिक व्यवस्था चरमरा गई है। दुनियाभर में लाखों लोग इस बीमारी के शिकार

कभी ऐसा भी वक्त आता है जब रुकता है सब कामबस समझ लो तुम, यह है जीवन का अल्पविरामजो अब बंद है, वह चल पड़ेगाअंदर जो भी है, वह निकल पड़ेगाबढ़ती हुई रफ्तार को मिल गया आरामबस समझ लो तुम, यह है जीवन का अल्पविरामअटकते हैं कम ताकि सांस ले पाएपीछे छूटे वक्त को हम पास ले पाएदेर होगी हमको छूने के लिए मुकामबस सम

दूर दराज केक्षेत्रो से COVID-19 महामारी केदौरान में कार्यकरना पहले सेकहीं अधिक महत्वपूर्णहो गया हैऔर ऐसा लगताहै कि 9-5 ऑफिसके दिन अबसमाप्त हो गएहैं क्योंकि COVID-19 महामारीने हम मेंसे अधिकांश कोघर पर कामकरने के लिएमजबूर कर दियाहै। सामाजिक गड़बड़ीने हम मेंसे कई कोभविष्य के लिएघर पर रहनेके लिए मजबूरकि

कैसे कहाँ से आया कोरोना..? अपने भी अपनो से दूर रहने लगे। ये जो कड़ी है, मुश्किल की घड़ी है। सामाजिक दूरी सहनी पड़ी है, बंद है हर कोई, अपने घरों में। कैसे कहाँ से आया कोरोना..? बहती जहरीली हवाओ के डर से, सभी के मुँह में मास्क लगने लगे। एक दूजे को हक़ करने से डरने लगे, कैसे कहाँ से आया कोरोना..? ख़ोज करने

कोरोना संक्रमण के फैलने के खतरों के इस भयावह दौर मे भी......गुड़गांव के एक "मुस्लिम" गार्ड पर निज़ामुद्दीन मरकज़ मे जाने की बात छुपाने और एक ही परिवार के तीन सदस्यों को कोरोना संक्रमित करने का आरोप लगा...बात फैला दी गयी......बाद मे पता चला न वह गार्ड कभी मरकज़ गया और न उसे कभी कोरोना संक्रमण हुआ....

लॉक डाउन बढ़े नही ! कोरोना से कोई मरे नही।हाथ कभी मिलाए नही, सामाजिक दूरी बनाए रहे।नजर कभी झुके नहीं, रिस्ते कभी टूटे नही।सैनिक तुम बढ़े चलो! डॉक्टर तुम बढ़े चलो!सफाई कर्मचारियों से अनुरोध है,कोरोना से डरे नहीं गली,मकान को सेनेटाइज करते रहो। मास्क ग्लब्स हटाना नही।लॉकडाउन अब बढ़े नही , कोरोना से कोई

featured image

काश दिनेश डॉक्टरसत्रह लाख पीड़ित ! एक लाख से ऊपर मौतें !! सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका परेशान हैरान !!! हम सब पूछ रहे है खुद से ही कि क्या होगा ? क्या दुनिया वापस पहले जैसी हो पाएगी ? क्या हम पहले की तरह मर्

प्यारे देशवासियों,आप सभी जानते हैं इन दिनों हमारा देश कोरोना वायरस जैसी महामारी से जूझ रहा है। यह एक ऐसी भयानक बीमारी है जो एक इंसान से दूसरे में और धीरे-धीरे समाज में फैलती है। आपस में ज़्यादा मिलने जुलने और संपर्क बढ़ने से इसका वायरस बहुत तेजी से फैलता है। सिर्फ एहतियात बरतकर ही इस बीमारी से बचा जा

बैठे बैठे एक गाना याद आ रहा है को ई रो को ना दीवाने को दिल मचल रहा कुछ गाने को हमें रोकना है इस बदलते हुए जमाने को, कुछ भी कर रहा अपनी धाक जमाने को. वायरस बना रहे हैं ये लोगों को डराने को, राम सा सीना नहीं है लंका को ढहाने को. पीछे से वार कर रहे हैं हम को दबाने को, डट

कोरोना से डेराने हैं।अभी लेखक सभी हेराने हैं ... कही लिखते मिले तो भईया हमे बता दइयों। कोरोना मे अपने वजूद को भुलाने हैं।खोकर मीडिया के हो-हल्ला मे, सामाज को रचने वाले शब्द हेराने हैं... कवि, ब्यंग, शायर, गजल सभी बौराने हैं,खोज-खाज राजनीति के चुटकले उन्हे नही फैलाने हैं।सच कहने व लिखने से लेखक भी

धर्म-जाति से परे हिंदी कविता एक भयावह महामारी पर शीर्षक -: कोरोना वायरस लिखना नहीं चाहती थी पर लिखना पड़ा कहना नहीं चाहती थी पर कहना पढ़ा आज कल जो माहौल है उसे देख ये ख़ामोशीतोडना पड़ा जब हम जैसे पढ़े लिखे ही चुप हो जायेंगे तो इस देश को कैसे बचा पाएंगे जो फंसे हुए हैं हिन्दू -मुस्लिम के आपसी मुद्दों म

रामनाथ जी और हसन मियाँ , सदियों से साथ रह रहे हैं. एक ही धरती और एक ही देश में, बस चेहरा और जगह बदल जाया करती है. लेकिन किसी घटना को ले के दोनों के रवैये में बड़ा ही अंतर है.

featured image

सकारात्मक संदेश

बस! सिर्फ पन्द्रह दिन और !!डॉ दिनेश शर्मामुझे लगता है कि कोरोना के खिलाफ इस महायुद्ध में कुछ अपवादों को छोड़कर जिस तरह देश की बड़ी जनता ने पिछले आठ दिनों में धैर्य, संकल्प और साहस का परिचय दिया है - वो पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बनने वाला है । जिस कठोर व्यवस्था और लॉक

कीचड में फंसी गाड़ी निकालने के लिए श्री हुनमान भक्त ने उनका स्मरण किया। हुनमान जी ने आते ही भक्तके गिरे आत्मबल/मनोबल भांप, प्रेरित कर ललकारा ! अज्ञानी ! मेरा बल तुझमें है ! तू थोड़ा प्रयास तो कर ! श्री हनुमान की वाणी से प्रेरित हो , भक्तने अपने आत्मबल से कीचड में अटकी गाड़ी एक क्षण में पार

कोरोना फैला है सारे संसार मा। गले मिलने की बात छोड़ो हाथ का धप्पा भी न दे किसी भी बात मा। न बस चले न रेल चले, न चले कलकारखाने लोग निकल पड़े है अपने गांव को। सब खो गई उम्मीदे मानव के अंदर की।गली चौक चौबारे खत्म हो गए पब बियर-बार लकड़ी ताश के घेरे। पड़े हुए कोरोना के डर से परदेशी प्रदेश मा। कोरोना फैला

featured image

शिवपुराण मेंकोरोना वायरससोशल मीडिया में एक बात दावा तेजी से वायरल हो रही हैऔर उसमें दावा किया जा रहा है कि यह मन्त्र शिवपुराण का है और इसमें भगवान शिव सेप्रार्थना की गई है कि हे महादेव आप करुणा के अवतार हैं, रुद्ररूप हैं, अशुभ का संहार करने वाले हैं,मृत्युंजय हैं | आज कोरोना जैसे वायरस ने महामारी फै

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए