काश
दिनेश डॉक्टर
सत्रह लाख पीड़ित ! एक लाख से ऊपर मौतें !! सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका परेशान हैरान !!! हम सब पूछ रहे है खुद से ही कि क्या होगा ? क्या दुनिया वापस पहले जैसी हो पाएगी ? क्या हम पहले की तरह मर्जी से जब चाहे और जहां चाहें आ जा सकेंगे ? क्या पहले की तरह 'दुनिया मेरी मुट्ठी में' जैसी सोच हम पाल सकेंगे ? क्या हम अपने मित्रों और प्रियजनों से उन्मुक्त भाव से बिना मास्क पहने गले मिल सकेंगे ? क्या पहले की तरह प्रेमी जोड़े निःसंकोच भाव से एक दूसरे को चूम सकेंगे -प्यार कर सकेंगे ? क्या किसी प्रियजन की मृत्यु पर हम बिना किसी भय के उदार भाव से शिरकत कर सकेंगे ? हमारी आर्थिक स्थितियां कैसी होंगी ? जो लोग बैंकों में बुढ़ापे के लिए पैसा जमा कर ब्याज से होनी वाली आय में अपनी आर्थिक सुरक्षा ढूंढते थे - घटती या शून्य ब्याज दर हो जाने पर उनका क्या होगा ? कई बार सोचता हूँ कि काश यह सब एक दुःस्वप्न हो !! आंख खुले और लगे कि अरे यार कुछ नही बदला !! सब वैसा ही तो है !!!
काश !!!