
प्यार की धजा फरकाने लगोगे तुम कभी
ज़िंदगी की नाव कभी डूबने से डरेगी नहीं
तूफ़ान की फ़ितरत है बदनाम होने की सदा
समंदर की लहर पे ठण्डी हवा ऐसे तो नहीं !
मछुआरे को बच्चों सा प्यार देता है गहन
दरिया है शीघ्र ही विचलित हो ऐसा तो नहीं
मौत और ज़िंदगी को हाथ में लिए घूमता हूँ
ए खुदा ! तुझसे भी ज़ियादा भरोसा कहीं नहीं
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- पंकज त्रिवेदी