शरीअती सूफ़ियाना अंदाज़े बयाँ करता है वो अक्सर
लिबास में न जाने कौन सा फ़कीर दफ़न है मयस्सर
शरीफ़ाना शराफ़त के नक़ाब में लिपटा हुआ शहमात
सत्ता के बल शहज़ोर खुद को क्यूं खपाता है शहादत?
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- पंकज त्रिवेदी
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शहमात= शतरंज में हरे हुए शहंशाह के लिए चलने का कोई स्थान न बचा हो वो जगह
शहजोर=बलवान