चमगादड़
उन्हें बहूत पसंद है
श्याम रंगी चमगादड़
चूहे सा मुँह, फ़ैली हुई पंख,
और मधरात का शहनशाह !
भीड़भाड़ उन्हें पसंद नहीं
न आवाजाही के मार्ग में उसे
उड़ने का मन !
किसी अवड गहरे कूएँ में
अपना साम्राज्य फैलाये हुए
सोचता है, यही है मेरी दुनिया !
वो अक्सर इंसान के भेष में
चमगादड़ बनकर घूमता रहता है
हमारे आसपास तो कभी कभी
अपने ही अंदर !!
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