4 मई 2015
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संपादक - विश्वगाथा (गुजरात की एकमात्र हिंदी साहित्यिक पत्रिका)
पत्रकारिता- बी.ए. (हिन्दी साहित्य), बी.एड. और जर्नलिज्म एंड मॉस कम्यूनिकेशन (हिन्दी) –भोपाल से साहित्य क्षेत्र-संपादक : विश्वगाथा (त्रैमासिक मुद्रित पत्रिका)लेखन- कविता, कहानी, लघुकथा, निबंध, रेखाचित्र, उपन्यास ।पत्रकारिता- राजस्थान पत्रिका ।अभिरुचि- पठन, फोटोग्राफी, प्रवास, साहित्यिक-शिक्षा और सामाजिक कार्य ।प्रकाशित पुस्तकों की सूचि -1982- संप्राप्तकथा (लघुकथा-संपादन)-गुजराती1996- भीष्म साहनी की श्रेष्ठ कहानियाँ- का- हिंदी से गुजराती अनुवाद1998- अगनपथ (लघुउपन्यास)-हिंदी1998- आगिया (जुगनू) (रेखाचित्र संग्रह)-गुजराती2002- दस्तख़त (सूक्तियाँ)-गुजराती2004- माछलीघरमां मानवी (कहानी संग्रह)-गुजराती2005- झाकळना बूँद (ओस के बूँद) (लघुकथा संपादन)-गुजराती2007- अगनपथ (हिंदी लघुउपन्यास) हिंदी से गुजराती अनुवाद2007- सामीप्य (स्वातंत्र्य सेना के लिए आज़ादी की लड़ाई में सूचना देनेवाली उषा मेहता, अमेरिकन साहित्यकार नोर्मन मेईलर और हिन्दी साहित्यकार भीष्म साहनी की मुलाक़ातों पर आधारित संग्रह) तथा मर्मवेध (निबंध संग्रह) - आदि रचनाएँ गुजराती में।2008- मर्मवेध (निबंध संग्रह)-गुजराती2010- झरोखा (निबंध संग्रह)-हिन्दी 2012- घूघू, बुलबुल और हम (હોલો, બુલબુલ અને આપણે) (निबंध संग्रह)-गुजराती2014- हाँ ! तुम जरूर आओगी (कविता संग्रह)प्रसारण- आकाशावाणी में 1982 से निरंतर कहानियों का प्रसारण ।दस्तावेजी फिल्म : 1994 गुजराती के जानेमाने कविश्री मीनपियासी के जीवन-कवन पर फ़िल्माई गई दस्तावेज़ी फ़िल्म का लेखन।निर्माण- दूरदर्शन केंद्र- राजकोटप्रसारण- राजकोट, अहमदाबाद और दिल्ली दूरदर्शन से कई बार प्रसारण।स्तम्भ - लेखन- टाइम्स ऑफ इंडिया (गुजराती), जयहिंद, जनसत्ता, गुजरात टुडे, गुजरातमित्र, फूलछाब (दैनिक)- राजकोटः मर्मवेध (चिंतनात्मक निबंध), गुजरातमित्र (दैनिक)-सूरतः गुजरातमित्र (माछलीघर -कहानियाँ)सम्मान –(१) हिन्दी निबंध संग्रह – झरोखा को हिन्दी साहित्य अकादमी के द्वारा 2010 का पुरस्कार (२) सहस्राब्दी विश्व हिंदी सम्मेलन में तत्कालीन विज्ञान-टेक्नोलॉजी मंत्री श्री बच्ची सिंह राऊत के द्वारा सम्मान। संपर्क- पंकज त्रिवेदी "ॐ", गोकुलपार्क सोसायटी, 80 फ़ीट रोड, सुरेन्द्र नगर, गुजरात - ३६३००२ मोबाईल : 096625-14007 vishwagatha@gmail.com
Dश्री अभय कान्त जी, आभार
15 मई 2015
बहुत ही सुन्दर रचना
15 मई 2015
श्री वैभव दुबे और श्री ओम प्रकाश शर्मा जी, आप दोनों की प्रतिक्रिया मेरे लिए उत्साह वर्धक है - आभार
5 मई 2015
सम्माननीय शब्दनगरी संगठन, मुझे बेहद खुशी है कि इस मंच ने मुझे जब निमंत्रित किया था तब स्तर का पता न था... मगर महसूस कर रहा हूँ कि इस मंच ने मुझे प्यार और सम्मान दिया है.. मेरी खुशी अपार है... मैं समय की कमी की वजह से दूसरी रचनाएँ जरूर पढ़ता हूँ मगर हर किसी के लिए कमेन्ट देना संभव नहीं होगा... स्थानीय कार्यक्रमों के अलावा कोलेज की नौकरी, अपना लेखन, विश्वगाथा-पत्रिका का संपादन और परिवार ... कल ही मैं पिण्डवाडा (सिरोही-राजस्थान) के लिए रवाना हो रहा हूँ... किसी कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज करने के लिए ... आपका आभारी हूँ
5 मई 2015
विजय कुमार शर्मा जी, आपका स्नेह-आदर मेरे लिए अमूल्य है... आभार नहीं मित्र, आनंद
5 मई 2015
प्रिय मित्र , आपकी इस उत्क्रष्ट रचना को शब्दनगरी के फ़ेसबुक , ट्विट्टर एवं गूगल प्लस पेज पर भी प्रकाशित किया गया है । नीचे दिये लिंक्स मे आप अपने पोस्ट देख सकते है - https://plus.google.com/+ShabdanagariIn/posts https://www.facebook.com/shabdanagari https://twitter.com/shabdanagari - प्रियंका शब्दनगरी संगठन
4 मई 2015
पंकज जी, बहुत ही सुंदर रचना है...आभार !
4 मई 2015
पंकज जी, 'मैं और तुम' आपकी बहुत ही खूबसूरत रचना है...आभार ! शब्दनगरी से जुड़कर कैसा महसूस कर रहे हैं, ज़रूर लिखिएगा...धन्यवाद !
4 मई 2015
आपकी ख्याति अनुरुप एक सुंदर रचना है मैं और तुम
4 मई 2015