अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का समारोह 22 जनवरी को होने वाला है।इस समारोह के लिए अयोध्या में प्रशासन और सरकार पूरी तरह लगी हुई है।दूसरी ओर राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए तीन मूर्तियों में से एक का चयन होने वाला था।अब उसका चयन कर लिया गया है।केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अपने सोशल मीडिया के जरिए यह बताया कि अरुण योगीराज द्वारा साकार की गई भगवान श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण और भगवान हनुमान की प्रतिमा अयोध्या में स्थापित की जाएगी।
उन्होंने कहा, 'अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति के चयन को अंतिम रूप दे दिया गया है। हमारे देश के प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज अरुण द्वारा बनाई गई भगवान राम की मूर्ति अयोध्या में स्थापित की जाएगी।'
दूसरी ओर राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से एक हफ्ता पहले ही आयोजकों ने एक जनवरी से पूजित ‘अक्षत’ (चावल, हल्दी और घी का मिश्रण) का वितरण शुरू कर दिया जो 15 जनवरी तक जारी रहेगा।महासचिव चंपत राय ने कहा कि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर की जाएगी।उन्होंने देशभर के लोगों से इस अवसर को उत्सव के रूप में मानने का अनुरोध किया।
अक्षत युक्त कागज की पुड़िया, राम मंदिर का चित्र और मंदिर के ढांचे का ब्योरा देने वाले पर्चे लोगों में बांटे गये।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ दिन पहले लोगों से अपील की थी कि वे 22 जनवरी को राम मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के दिन को ‘दीपावली’ के रूप में मनाने के लिए अपने घरों में विशेष दीये जलाएं।
कोन है अरुण योगिराज
अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में जिस मूर्तिकार की मूर्ति को फाइनल किया गया है वह कर्नाटक के अरुण योगीराज ने बनाई है। योगीराज माँ सरस्वती ने इस क्षण को खुशी का पल बताया है। साथ ही ये भी जानकारी दी है कि वो अपने बेटे की बनाई मूर्ति को खुद देख नहीं पाईं।अरुण योगिराज एक ऐसे परिवार से हैं जिनकी पांच पीढ़ियां प्रसिद्ध मूर्तिया बनाती आ रही है।
उनकी माँ सरस्वती ने बताया, “यह हमारे लिए बहुत खुशी का पल है। मैं उसे मूर्ति बनाते हुए देखना चाहती थी, लेकिन उसने बोला कि वब मुझे आखिरी दिन लेकर जाएगा। अब मैं स्थापना के दिन जाऊँगी।”
उनकी बनाई मूर्ति की तारीफ केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी की है। उन्होंने कहा, “अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति का चयन हो गया है। हमारे देश के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार, हमारे गौरव अरुण योगीराज के द्वारा बनाई गई भगवान राम की मूर्ति अयोध्या में स्थापित की जाएगी।”
राम मंदिर के लिए बनी तीनों मूर्तियों में योगीराज की मूर्ति पर सहमति हुई। वहीं अन्य दो इसलिए नहीं हुईं क्योंकि एक दक्षिण भारतीय शैली में थी और दूसरी सफेद संगमरमर के पत्थर से निर्मित थी। लेकिन ऐसा नहीं है इन दोनों मूर्तियों को मंदिर में रखा जाएगा। ये दोनों भी मूर्तियाँ भी राम मंदिर में ही स्थापित होंगी। मगर कहाँ? ये निर्णय लिया जाना बाकी है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों सभी सदस्यों को नीलवर्ण के रामलला के रूप में योगीराज की मूर्ति पसंद आई। इसकी खास बात यह है कि ये कर्नाटक के नीले पत्थर की है।
अरुण योगिराज ने केदारनाथ में भी आदि शंकराचार्य की 12 फुट ऊँची प्रतिमा को भी तैयार किया था। इसके अलावा वह महान स्वतंत्रता सेनानी और आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 30 फुट ऊँची प्रतिमा को तैयार करने का कार्य कर चुके हैं।