जापान में कई प्रमुख राजमार्ग बंद करने पड़े हैं क्योंकि भूकंप के कारण सड़कों में बड़ी दारारें पड़ गई हैं। जापान एयरलाइंस ने अगले आदेश तक के लिए निगाटा और इशिकावा क्षेत्रों के लिए अपनी अधिकांश उड़ानें रद्द कर दी हैं। इससे पहले 2011 में एक बड़ा भूकंप और सुनामी आई थी।
जापान में कई क्षेत्रों में दिखा तबाही का मंजर
नया साल जापान के लिए अपने साथ तबाही लेकर आया है।कई इलाकों में शाम चार बजे के बाद 4 से अधिक की तीव्रता वाले 21 भूकंपीय झटके लगे। इनमें से एक की तीव्रता 7.6 दर्ज की गई।
भूकंप के बाद समुद्र में ऊंची लहरें उठने लगी और सड़कों पर भी दरार पड़ गए। प्रभावित क्षेत्र के लोग काफी दहशत में हैं। तस्वीरों में तबाही का मंजर साफ-साफ नजर आ रहे।
तबाही का मंजर
24 घंटे में 155 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसमें 7.6 की तीव्रता वाला भूकंप सबसे खतरनाक साबित हुआ। जगह-जगह इस भीषण भूकंप के कारण सड़कों पर दरार पड़ चुके हैं। यहां तक कि भूकंप के कारण रनवे में दरार आने के बाद एक स्थानीय हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया है।
कई जगह सड़कों के बीच आई दरार गाड़ियों को निगल गई, तो वहीं कई जगह बीच दरार में लोगों की गाड़ियां फंसी हुई थी। हालांकि, धीरे-धीरे इन सबको निकालने की कोशिश की जा रही है।
भूकंप के बाद जगह-जगह पेड़ और खंभे गिरे पड़े देखे गए हैं। खंभ गिरने से कई इलाकों में बिजली भी गुल हो गई है, जिसकी बहाली का काम किया जा रहा है। हजारों लोगों को अंधेरे में अपना नया साल बिताना पड़ा है।
2 जनवरी को नए साल के दिन आए एक बड़े भूकंप से बचे लोगों को खोजने की काफी कोशिश की। हालांकि, इस हादसे में छह लोगों की मौत हो गई।सरकार ने लोगों से आग्रह किया है कि जितनी जल्दी हो सके ऊंचे स्थानों या इमारतों में शरण ले लें। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी का कहना है कि अगले दो या तीन दिनों में इस क्षेत्र में और बड़े भूकंप आने की संभावना है।
फिलहाल, जापान के कई क्षेत्रों में अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। साथ ही, उम्मीद जताई जा रही कि मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। कई इलाकों में भीषण भूकंप की आवश्यकता है, ऐसे में सबको सावधान रहने को कहा गया है।