फ्रीडम हाउस नामक संस्था के अनुसार पिछले साल दुनिया के 73 देशों में लोकतंत्र कमजोर पड़ा इनमें दुनि
गरीबी का कोई विशेष वर्ण ,जाति ,वर्ग नहीं होता। किन्तु गरीबी और गरीबों की एक खास छबि हमारे दिमाग में बन गयी है ।1 गरीब किसान2 गरीब मजदूर3.कुछ अन्य तथाकथित निम्न वर्ग।ये कुछ उदाहरण हैं।समझ में नहीं आता
और क्या कहना?
लड़ो तो शेर की तरह, चलो तो भेड़ की तरह, बहों तो नदी सागर की तरह, चमको तो सू
जागरूक युवा ही देश को विकास के सही रास्ते पर ले जा सकते हैं : जय सिंह प्रश्नोत्तरी में अनि
बदलाव की आधारशिला सिकंदर के साथ अधिकांश भारत
झांसी। उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए स्वैच्छिक संगठनों की ओर से झांसी में "जन घोषणा
कामिल भाई को जितनी बेबसी इस वक्त महसूस हो रही थी, उतनी ही झुंझलाहट और पछतावा भी। जिस वक्त चारबाग
मुदित खामोशी से उसे देख रहा था ड्राइव करते... एक हाथ स्टेयरिंग पे और दूसरे से फोन संभाले शायद बच्
बरेठे को अब अपनी हिमाकत का अफसोस हो रहा था... रात दस बजे ससुरी चाय प्यास लगना इतना खतरनाक भी हो स
तिवारी जी साइकिल संभाले गली से निकले ही थे कि सत्तू सामने आ गया। "आम-आम तिवाई चाचा।" कहने
नसीर उसे कालेज से जानता था... अजय उसका खास दोस्त तो नहीं था पर बोलचाल तो थी ही और चूँकि उसे अजय क
राजनीति मेरे बड़े काम आईं
लोगो ने जोर तो पूरा लगाया गिराने का
लेकिन मेरा बाल
सरकार आपकी बेरूखी याद रखेंगे!
हर कुर्बानी हर शहादत याद रखेंगे।
पुस की
अब भी अपने प्रदेश. देश में
अंधेरे रास्तों की है भरमार
यह इस बात का