फजीतू पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता है, पार्टी के हर कार्यक्रम में उसकी उपस्थिति रहती है, फजीतू को क्षेत्र का विधायक से लेकर सांसद तक उसके नाम से जानते हैं, फजीतू की उम्र लगभग 50 साल है, छात्र जी
दिनांक : 12.1.2022समय: रात 7 बजेप्रिय डायरी जी,दिल्ली एनसीआर में कोरोना का उपद्रव बढ़ गया है। दिल्ली गवर्नमेंट ने तो अपने सरकारी और निजी दोनो कार्यालय बन्द कर दिए हैं।पर भई केंद्र सरकार ने गाइडलाइंस जा
मृदुला मैजिस्ट्रेट के इजलास से ज़नाने जेल में वापस आयी, तो उसका मुख प्रसन्न था। बरी हो जाने की गुलाबी आशा उसके कपोलों पर चमक रही थी। उसे देखते ही राजनीतिक कैदियों के एक गिरोह ने घेर लिया और पूछने लगीं
पूर्ण स्वराज्य का जुलूस निकल रहा था। कुछ युवक, कुछ बूढ़े, कुछ बालक झंडियाँ और झंडे लिये वंदेमातरम् गाते हुए माल के सामने से निकले। दोनों तरफ दर्शकों की दीवारें खड़ी थीं, मानो उन्हें इस लक्ष्य से कोई सरो
हिसाब अपना तो बड़ा सीधा- सादा है,मैदान में आ अगर जंग का इरादा है,तुझे होगा गुरूर अपने रूतबे पर बेशक़,मेरा जज़्बा तेरे झूठे रुतबे से ज्यादा है।हिंदी लेखन...✍️
बेशक़ फिर से गिरा लो मुझको,चलो तुम थोड़ा और सतालो मुझको,मगर मानो मैं बेफिक्र सा रहता हूँ अब,तुम चाहो तो फिर से आजमा लो मुझको।गगन शर्मा...✍️हिंदी लेखन।
मेरे हौंसलों की ख्वाहिशें ले नया कोई मोड़ ले,मंज़िले अभी दूर है , हमें तू रास्तों में रोक ले,एक बार जो निकल गयातेरे हाथ से ये आसमां(गगन)फिर हाथ में न आएगा,एक बार फिर से सोच ले,मंज़िले अभी दूर ह
अकड़ ज़माने भर की अपने हिस्से रखने से कुछ प्राप्त नही होता,अकल कमानें भर की रखों,तो जिंदगी सँवर जाती है।गगन शर्मा...✍️हिंदी लेखन
थूक कर चाटना इस संसार में बहुत सारी कलाएं विद्यमान हैं । एक से बढ़कर एक । तो महारथियों की भी कोई कमी नहीं है । एक से बढ़कर एक । कोई "लीपने" में सिद्धहस्त है तो कोई "कुरेदने" में दक्ष है । कोई "दु
कुछ दिन पूर्व पंजाब में पी एम की सुरक्षा के साथ जो खिलवाड़ हुआ हम सब ने देखा। अब राजनैतिक पार्टियां अपने अपने निहित स्वार्थ से प्रेरित होकर बहस में उलझी हैं कि उस घटना में प्रधान मंत्री की सुरक्षा भंग
अखण्ड भारत का राष्ट्रवादी स्वर: अटल बिहारी वाजपेयीडॉ. आनन्द कुमार शुक्लसहायक प्राध्यापक (हिन्दी)कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालयदेश के राजनीतिक क्षितिज पर दीर्घकाल तक देदिप्यमान ..
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विश्व में शासन की दो प्रणालियां प्रचलित है राजतंत्र एवं लोकतंत्र। राजतंत्र में ए
1 साल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इतनी बड़ी घटनाएं कम ही होती है जैसे कि इस साल हुई 6 जनवरी 2021 को
🌷 🌷। । राजा के ३६ गुण । ।❤️ ❤️ चरेद् धर्मानकटुको मुञ
मैं पायल की झनकार नहीं लिखता हूँ, मैं माथे की बिंदिया की बात नहीं लिखता हूँ,, <