इस महीने कई कंपनी अपने तिमाही नतीजों का एलान कर रही है। इस नतीजे में कंपनी द्वारा अपने वित्तीय प्रदर्शन की जानकारी बता दिया। पिछले हफ्ते शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने तिमाही नतीजों का एलान किया था। इसके बाद आज कंपनी के शेयर तेजी के साथ कारोबार कर रहे हैं।
मार्केट ओपन होते ही रिलायंस के शेयर में जबरदस्त उछाल
देश की टॉप-1 फर्म ने शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद अपने तिमाही नतीजों का एलान किया था। कंपनी ने इस एलान में बताया कि उनकी सभी कंपनी को इस तिमाही मुनाफा हुआ है। इन नतीजों का असर आज बाजार में देखने को मिल रहा है। आज रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है।
कंपनी ने बताया कि सितंबर तिमाही में उनका नेट प्रॉफिट 27 फीसदी बढ़ गया है। इस बढ़त के बाद सोमवार की सुबह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का शेयर 2 प्रतिशत से अधिक चढ़ गया। बीएसई पर स्टॉक 2.37 प्रतिशत बढ़कर 2,319 रुपये पर पहुंच गया। वहीं, एनएसई पर यह 2.34 प्रतिशत चढ़कर 2,319 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया। सुबह के कारोबार के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में रिलायंस इंडस्ट्रीज टॉप गेनर रहा।
खबर लिखते वक्त रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर 53.10 अंक की बढ़त के साथ 2,318.90 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के तिमाही नतीजे
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने शुक्रवार को अपने सितंबर तिमाही के नतीजों का एलान किया था। इसमें कंपनी ने बताया कि उनके नेट प्रॉफिट 27 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई।इसके अलावा तेल और गैस कारोबार से हो रहे आय में सुधार हुआ और फैशन और रिटेल सेक्टर में तेजी से खुदरा राजस्व को बढ़ावा देने में मदद मिली।
ऑयल-टू-रिटेल-टू-टेलीकॉम ग्रुप का जुलाई-सितंबर में नेट प्रॉफिट 17,394 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने एक बयान में कहा कि एक साल पहले उनकी कमाई 13,656 करोड़ रुपये थी। 30 जून को समाप्त पिछले तीन महीनों में 16,011 करोड़ रुपये की कमाई की तुलना में तिमाही-दर-तिमाही शुद्ध लाभ भी अधिक था।
अरबपति मुकेश अंबानी द्वारा संचालित रिलायंस इंडस्ट्रीज फर्म ने फैशन और लाइफस्टाइल के साथ-साथ रिटेल और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में भी वृद्धि की है। कंपनी ने खुदरा व्यापार में भी काफी अच्छा प्रदर्शन दिया।
इसके अलावा टेलीकॉम के राजस्व में मामूली वृद्धि दर्ज की गई क्योंकि कंपनी ने अभी तक 5जी सेवाओं के लिए टैरिफ योजना की घोषणा नहीं की है। हालांकि, तेज नेटवर्क से उपभोक्ताओं के पलायन के साथ डेटा खपत में उछाल देखने को मिला है।