उसकी नशीली आंखें इस कदर जादू कर गईं
प्यार का बुखार चढा कर दिल बेकाबू कर गई
रात दिन बस उसी के ख्याल आने लगे
उनकी गलियों के चक्कर बेवजह लगाने लगे
नजदीक आने का कोई बहाना बनाने लगे
आंचल की छांव के सपने सजाने लगे
हाल ए दिल कैसे कहें युक्ति भिड़ाने लगे
सामने जाने के नाम पे कदम लड़खड़ाने लगे
खत के जरिये संदेश भेजने का मन किया
हाल ए दिल बयां करने का यूं जतन किया
बड़ी मुश्किल से "आई लव यू" ही लिख पाए
उनके चौखट पे हम उस खत को रख आये
इतने में उसकी मम्मी घर के बाहर आईं
सामने पड़े खत को देखकर बड़ी चकराईं
खत पढकर वे हौले हौले मुस्कुराने लगीं
हमारी जान अब कलेजे को आने लगी
सामने हमें देखकर वे सारा माजरा समझ गई
इशारे से हमें बुलाकर घर के अंदर ले गई
UPSC की तरह पूरा साक्षात्कार कर डाला
सात पुश्तों का हिसाब एक ही दिन में कर डाला
फिर पता नहीं वो किस बात पर हम पे रींझ गईं
दिल की सूखी क्यारी को अपने आशीर्वाद से सींच गईं
"उन्हें" बुलाकर उनसे अपनी राय बताने को कहा गया
मुझे सामने देखकर उनसे कुछ कहा नहीं गया
मगर इशारों में ही बता कर वो भाग खड़ी हुई
इस प्रकार हमारे प्रेम की जीत बड़ी हुई
वो छोटा सा प्रेम पत्र आज भी उनके पास है
वो एक लाइन ही सही, पर उनके लिए खास है
श्री हरि
7.9.22