तर्ज : कोई दीवाना कहता है
सावन की झमाझम ने आस दिल में जगाई है
कलियों की ठिठोली ने प्यास दिल में लगाई है
जवां मौसम सुनाता है गजल कोई मोहब्बत की
हसीं ऋतु ओढ़कर चादर हरियाली की आई है
श्री हरि
19.7.22
18 जुलाई 2022
तर्ज : कोई दीवाना कहता है
सावन की झमाझम ने आस दिल में जगाई है
कलियों की ठिठोली ने प्यास दिल में लगाई है
जवां मौसम सुनाता है गजल कोई मोहब्बत की
हसीं ऋतु ओढ़कर चादर हरियाली की आई है
श्री हरि
19.7.22
35 फ़ॉलोअर्स
जो मन में आता है , लिखता हूं । साफ कहना, साफ दिल , साफ लिखना मुझे पसंद है । D