मुक्तक
तर्ज : कोई दीवाना कहता है
बेदर्दी बड़ा बेईमान मौसम बारिश का आया
विरह की ज्वाला को जिसने और है धधकाया
तेरी यादों के आंसू में डुबो जाता है जान ए मन
दिल के तारों ने हमदम प्रीत का गीत फिर गाया
हरिशंकर गोयल "हरि"
5.7.22
4 जुलाई 2022
मुक्तक
तर्ज : कोई दीवाना कहता है
बेदर्दी बड़ा बेईमान मौसम बारिश का आया
विरह की ज्वाला को जिसने और है धधकाया
तेरी यादों के आंसू में डुबो जाता है जान ए मन
दिल के तारों ने हमदम प्रीत का गीत फिर गाया
हरिशंकर गोयल "हरि"
5.7.22
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जो मन में आता है , लिखता हूं । साफ कहना, साफ दिल , साफ लिखना मुझे पसंद है । D