एक वैंपायर थी जो बड़ी हसीन थी
बड़ी खूबसूरत बड़ी दिलनशीन थी
ना जाने कितनों का खून पी चुकी
ना जाने कितनों की जान ले चुकी
उससे सब लोग खौफ खाया करते
उसके डेरे से बचकर जाया करते
एक नौजवान बड़ा मस्तमौला सा था
बड़ा स्मार्ट बड़ा हरफनमौला सा था
उसे वैंपायर का कुछ पता नहीं था
उसके इरादों से वह वाकिफ नहीं था
घूमते घूमते एक दिन उधर चला गया
उस पर वैंपायर का दिल आ गया
उसके इश्क में वह पागल हो गई
तीर ए नजर से वह घायल हो गई
उसे पाने के लिए वह सोचने लगी
इश्क में घिर के खुद को बदलने लगी
बुरी आदतें अब छूटती जा रही थी
अच्छाई धीरे धीरे उसमें समा रही थी
देखते देखते कायाकल्प हो गया उसका
वैंपायरत्व भी अब खत्म हो गया उसका
सदगुणों से वह सुंदर लड़की बन गई
उस लड़के को भी वह लड़की जंच गई
दोनों जने इश्क की विदियों में खो गये
उनके अफसाने जहां में मशहूर हो गये
प्यार में वह अद्भुत शक्ति है जो एक
वैंपायर को भी इंसान बना देती है
यह कहानी हमें एक बार फिर से
प्यार की शक्ति का अहसास करा देती है
हरिशंकर गोयल "हरि"
7.6.22