कुछ लोग करते हैं नफरत वाला प्यार
अजीबोगरीब सा होता है इनका संसार
माशूका पर कोई कभी तेजाब फेंक देता है
तो कोई प्यार के नाम पे गला रेत देता है
कोई चाकुओं से गोदकर आनंदित होता है
कोई आंखें निकालकर उनसे खेलता है
अजीब सी सनक, पागलपन सवार रहता है
ऐसा प्यार भी क्या सच में कोई प्यार होता है
अपने प्यार को दुख देना कोई प्यार नहीं है
प्यार पे कुर्बान होने वाला ही प्यार सही है
काश, नफरत वाला प्यार किसी को ना हो
यदि हो तो दिलों में मेल कराने वाला ही प्यार हो
हरिश॔कर गोयल "हरि"
9.6.22