मैं क्या लिख सकता हूं. मैं लेख न की दुनिया में प्रतिष्ठित नाम कमाने लायक भी नहीं हूं. शब्दकोष व भाषा के मामले में निपट गंवार क्या जानू, लेखन की शक्ति को. बस यूं ही हिंदी का ककहरा सीख लिया रोजी-कमाने लायक. लेकिन रोटी कमाने का जरिया भी बना तो कम्प्यूटर और उस पर भी हिंदी न्यूजपेपर में लेआउट आर्टिस्ट की जॉब. जिसमें लिखने जैसा कोई काम नहीं. बस मन के भावों को शब्दों की माला में पिरोने की इच्छा जब भी जोर मारती है, तभी कम्प्यूटर कीबोर्ड पर अक्षर-अक्षर जोड़ कर बेतरतीब सा लिख देता हूं. ...कम लिखा गया तो लाइनों को तोड़ कर कविता का रूप देने की कोशिश करता हूं और थोड़ा ज्यादा सा लिख लिया जो फिर तो बात ही क्या, उसको गद्य मान लेता हूं. कविता व गद्य बस दो विधाओं से आगे आज तक नहीं जान पाया. मेरी कविताएं या लेख किसी भी पत्र-पत्रिका में प्रकाशित होने लायक हो या न हो. पर फेसबुक पर आपका लाइक या कमेंट करके मेरा हौसला बढ़ा देता है. बस यही संतुष्टि है. जिसके लिए आपका दिल से शुक्रिया. वरना तो क्या कह सकता हूं कि जिंदगी की राह में आपसे मुलाकात होनी थी तो वह हो गई. फेसबुक पर भले ही फेस में भ्रम हो सकता है, पर मन की बुक में नहीं. यूं भी चेहरे पर वक्त के साथ-साथ झुर्रियां आ ही जाती है. जैसे-जैसे झुर्रियों की संख्या बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे ही अनुभव की गहराई भी बढ़ती जाती है. हां एक बात तो सत्य है कि अनुभव भले ही आएं या न आएं पर झुर्रियां जरूर आ जाएगी अपने तय समय पर.
मैं जानता हूं
आप कुछ नहीं कर सकेंगे
पढ़ कर, सोचेंगे थोड़ा या हो सकता है
बिल्कुल भी नहीं देंगे ध्यान
सही भी है
आपकी भी अपनी हैं परेशानियां
ऐसे में मेरे लिए कहां होगा समय
लेकिन फिर भी बताता हूं आपको
अपने मन की बात
बहुत परेशान करती है छोटी-छोटी बातें
हो कोई बड़ी समस्या
तो की जा सकती है तैयारियां
मांगी जा सकती है मदद
लेकिन क्या करूं
जब समस्याएं हो छोटी-छोटी और
फैला दूं हाथ – मांगू मदद
तब लगता है
आखिर अब मैंने क्या किया?
फिर जुटाता हूं हिम्मत
निकालता हूं समस्याओं का हल
लेकिन अचानक देखता हूं क्या
फिर आ गई एक और समस्या
शायद यही है जिंदगी का सफर
कभी आसान तो कभी कठिन
पहुंचना है सबको मंजिल पर अपनी
हो सकते है रास्ते अलग-अलग
परेशानियां, जुदा-जुदा
खुद तो हूं मैं परेशान
आपको भी कर दिया परेशान
लेकिन क्या करूं? बस यूं ही
आप अपने रास्ते, मैं अपने रास्ते
चलते जा रहे है अनंत की तलाश में
एक-दूसरे के सहयोग प्यार के सहारे.