shabd-logo

साप्ताहिक_प्रतियोगिता

hindi articles, stories and books related to Saptahik_pratiyogita


                   स

अप्सरा

लेखक--शक्ति सिंह नेगी
   निकल जाओ रूपा। देवराज इंद्र ने रूपा को श्राप

अप्सरा

लेखक--शक्ति सिंह नेगी
   निकल जाओ रूपा। देवराज इंद्र ने रूपा को श्राप

अप्सरा

लेखक--शक्ति सिंह नेगी
   निकल जाओ रूपा। देवराज इंद्र ने रूपा को श्राप

शब्दनगरी की साप्ताहिक प्रतियोगिता का विषय है जहां चाह वहां राह

ठाकुर रणवीर ने रूपा को अपना पीए नियुक्त किया। साथ ही रूपा को गांव में घूमकर सभी लोगों के कष्टों के ब

नमस्कार दोस्तों आज हम सफलता की एक और कुंजी की बात करेंगे वो है धैर्य | 
पिछले भा

राक्षस राज अकरोमा 



    अकरोमा की मां एक जलपरी थी। अ

राक्षस राज अकरोमा 



    अकरोमा की मां एक जलपरी थी। अ

राक्षस राज अकरोमा 



    अकरोमा की मां एक जलपरी थी। अ

काल 

   रोहन एक पढ़ा-लिखा बेरोजगार युवक है. मौजूदा भ्रष्टाचार और आरक्षण के कारण व

जहाँ चाह है वहाँ राह है
मंत्र है ये बिल्कुल आसान
बढ़ चला चल राहें अपनी

खाली दिमाग शैतान का घर होता है और आज कल सवर्ण जाति का बच्चा पढ़-लिखकर या तो पुलिस या फ़ौज नौकरी

तीन दिन बाद रुद्र को घर लाया गया |
तीन दिन तक विवेक जी ऑफिस भी नहीं गए थे|

जँहा चाह वहाँ राह ये शीर्षक कितना अच्छा लगता है जिंदगी में लेकिन जिसने इस राह से गुजर कर मंजिल

शीर्षक - शर्मीली

जीवन चलने का न

मचल रही बहेलिये की मुनिया
मुझे चाहिए हरी हरी चिड़िया

हम बहेल

खुशियों का ठिकाना जो करोगे तलाश

कहा तुम तलाश पाओगे

मन से को करो अहसास

अपने आ

सागर किनारे पे

चांद की अठखेली
आओ बैठे हम तुम भी
साथ
कुछ मीठे मीठे

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए