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साप्ताहिक_प्रतियोगिता

hindi articles, stories and books related to Saptahik_pratiyogita


"देखो ना दीदी! मैं कब

गौरी ने कई बार रुद्र को फोन लगाया पर उसने फोन रिसिव्ह नही किया|

ऑफिस म

हॉस्पिटल में डॉक्टर न

"आउच" शब्द के मुंह से

"अहह.. लग गई मुझे" अं

"पर बेटा! ये तो तू होम डिलीवरी से भी भेज सकता था ना? इसके लिए इतना पर

जिम से वापस आके शब्द

जिम से वापस आके शब्द

जिम से वापस आके शब्द

   यह   उन   दिनों   की  बात  है,  जब&nb

कभी किसी का दिल रखा 

तो कभी किसी का 
इसी कशमकश मे भूल गए 
अपन

प्रसिद्धि का अर्थ है - वह विशेष कौशल जिसमें हमने खुद को सिद्ध कर लिया हो । अगर किसी क्षेत्र में ह

महत्वाकांक्षा मतलब जीवन में हमे क्या बनना है?
क्योंकि हर महत्वाकांक्षा का जीवन में अप

प्रकृति से सभी आगे बढ़ना चाहते हैं ,सभी चाहते हैं कि उनको सभी प्यार करें ,उनकी प्रशंसा  करें

जिंदगी को समझना छोड़

जिंदगी जीने की ओर अपनी
राहें मोड़

खूबसूर




गौरी : सिद्धार्थ? आप?
गौरी बहुत ज्यादा च

जहां  दिल से चाह हो जाती है
राह खुदमखुद मिल ही जाती है।
मंजिल भी आसां

ख्वाहिशें अपनी अपनी पूरी करते थे
प्यार को दिलो में बसा कर रखते थे
ना जाने क

चेन खींचकर उतरोगे तो बेजान रिश्तों के जंगल में खुद को अकेला पाओगे,

जिंदगी को चलने दोगे पटरी पर त

क्रोध का अन्त गांव में एक चौधरी साहब रहते थे उनको चौधरी कहकर उनकी पत्नी बुलाया करती थी और इसी न

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