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क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 4)

11 अक्टूबर 2021

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तीन दिन बाद रुद्र को घर लाया गया |
तीन दिन तक विवेक जी ऑफिस भी नहीं गए थे|
अब रुद्र ठीक था और चल फिर भी सकता था|

रात मे विवेक और शालिनी उसके पास ही बैठकर बाते कर रहे थे|


"आप बिल्कुल चिंता मत किजीए बेटा !  हम कुछ भी करके उस लडकी को ढूँढ ही लेंगे | " विवेक रुद्र को समझा रहे थे |

"क्यो पापा? क्यो वो मेरे इतने करीब होते हुए भी मेरे हाथ से रेत की तरह फिसल जाती है? क्यो मै उसे मिल नहीं पाता? क्या भगवान मुझे उससे मिलाना चाहते भी है या नहीं? " बोलते बोलते रुद्र की आँखों में पानी आ गया|


विवेक जी ने झट् से उसे गले लगा लिया|

"अगर भगवान आपको उससे मिलवाना ना चाहते ना तो वो बार बार आपके सामने ना आती |आप जरा भी चिंता मत करीए|"


तीनो गले मिले|  तभी विवेक का फोन बजा और वो बात करने बाहर चले गए|




फोन गौरी का था| गौरी ने पहले तो विवेक जी से घर की प्रॉब्लम के बारे मे पूछा| तब उसे पता चला कि रुद्र का एक्सीडेंट हुआ था| रुद्र का हालचाल पूछकर गौरी ने विवेक जी को डिल फाइनल होने की न्यूज दे दी| ये सुनकर विवेक जी के पैर ज़मीन पर नहीं टिक रहे थे| उन्होंने पूरे दिल से गौरी का शुक्रिया किया और वो कल ऑफिस आयेंगे ऐसा कहा|


गौरी को रुद्र के एक्सीडेंट की बात सुनकर एक बार के लिए ऐसा खयाल आया की कल उसने जिस लडके की मदद की कही वो रुद्र तो नही था|


उसने इस बारे मे सीमा जी से भी बात की पर उन्होंने गौरी को समझाया की मुंबई बहुत बडा शहर है और शहर मे एक दिन में कितने ही एक्सीडेंट होते होंगे|
तब गौरी को कुछ राहत मिली|

पर फिर भी गौरी रुद्र से बार बार होने वाली मुलाक़ातों को लेकर गहरी सोच मे थी|



उसे इस तरह देखकर सीमा जी भी परेशान थी| उन्हें लग रहा था कि ये सब सिद्धार्थ के गौरी को इग्नोर करने का नतीजा है, जिस वजह से गौरी किसी भी बात को लेकर डिप्रेस्ड हो रही है| उनके चेहरे से लग रहा था जैसे उन्हे खुद की पसंद पर पछतावा हो रहा है|






विवेक जी बहुत ज्यादा खुश होकर शालिनी जी और रुद्र के पास पहुंचे| उन्होंने उनको भी ये न्यूज दे दी | सब बहुत खुश हुए, क्योंकि रुद्र के एक्सीडेंट के वजह से सब को लग रहा था की विवेक जी के हाथ से ये डिल छूट जायेगी| इससे वो बहुत ज्यादा दुखी थे पर गौरी की वजह से सब ठीक था|


"पापा ! ये गौरी कौन है ? " रुद्र ने पूछा|

"बेटा आपको सीमा आंटी याद है? " शालिनी ने पूछा |


"ऑफ कोर्स माँ ! मै उन्हें कैसे भूल सकता हूँ | हमारे पुराने घर के पास मे ही उनका घर था| बहुत प्यार करती थी वो मुझसे! " 


"और आप उन्हें बहुत ज्यादा परेशान करते थे | " शालिनी जी की इस बात से सब हस पडे|


"उन्ही सीमा जी की बेटी है 'गौरी' ! हमारे ऑफिस मे ही काम करती है| बहुत अच्छी लडकी है| आज अगर वो ना होती तो शायद ये प्रोजेक्ट हाथ से निकल जाता|

पर कोई भी प्रोजेक्ट आप से बढकर नही है रुद्र|" विवेक जी ने कहा|

"पापा ! ठीक होते ही मै भी ऑफिस जॉइन करना चाहता हूँ| मुझे नही लगता कि अब मेरा घर पे मन लगने वाला है और वैसे भी आपका ड्रीम प्रोजेक्ट मेरा भी तो ड्रीम प्रोजेक्ट है और मै चाहता हूँ की मै इसमे आपके साथ रहू|" रुद्र कह रहा था|


"ये तो बहुत ही अच्छी बात है बेटा ! 

तो तय रहा| जैसे ही आप पूरी तरह से ठीक हो जायेंगे, हम एक बहुत ही बडी पार्टी रखेंगे|
वैसे भी आपकी आने की खुशी हम किसी से शेयर नही कर पाये|

इस बार पार्टी के कई रिजन्स होंगे|

आपके आने की खुशी, आपका ऑफिस जॉइन करना और सबसे इंम्पॉर्टंट 'गौरी' ! आखिर वही तो है जिसकी वजह से मुझे मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट मिला है| उसे थँक्स कहना तो बनता है| लेकिन ये उसके लिए सरप्राइज होगा और तब तक उसके लिए एक और सरप्राइज है मेरे पास!"

सब विवेक जी की बात से खुश थे|




अगले ही दिन..... 
विवेक जी बहुत ज्यादा खुशी के साथ ऑफिस पहुंचे| वो आज जरा जल्दी ही आ गए थे, सारे स्टाफ से पहले!


ऑफिस के टाइम पर गौरी आयी| वो जैसे ही अपने केबिन में गई, उसके तो होश ही उड गए|

सारे केबिन में बहुत ही अच्छी सजावट की गई थी|
बहुत सारे फुल, पौधे और टेडी बिअर्स! गौरी ये सब देखकर बहुत ही ज्यादा खुश हो गई|
पर उसे समझ नहीं आ रहा था कि ये सब किसने किया|

वो वही पता करने के लिए बाहर आयी|

अचानक उसे बहुत बडा सरप्राइज मिला| सब लोग उसे काँग्रेचुलेट कर रहे थे| ऐसा लग रहा था मानो कोई सेलिब्रेशन चल रहा हो| गौरी को तो कुछ समझ नहीं आ रहा था| पर वो बहुत ज्यादा खुश थी|

तभी विवेक जी उन लोगों के बिच मे से निकले| उनके हाथ में बहुत बडा फूलों का गुलदस्ता था|
विवेक ने उसे वो गुलदस्ता दिया|

"सर लेकिन....... ये.... ये सब......?" उसने गुलदस्ता लेते हुए कहा|


विवेक जी स्टाफ की तरफ देखते हुए बोले,

" लेडिज अँड जेंटलमेन ! जैसे की आप सब जानते हैं,  
गुलमोहर प्रोजेक्ट मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है और जिस दिन इस प्रोजेक्ट की डील फाइनल होनी थी, उसी दिन.... मेरे बेटे रुद्र का एक्सीडेंट हो गया था| पर मेरे ना होते हुए भी गौरी ने बखूबी सब हँडल किया और ये डील क्रैक कर दी|"

सब लोग तालिया बजाने लगे|


"मै बता नही सकता गौरीकी आपने मुझे कितनी खुशी दी दी है|

आपका बहुत बहुत शुक्रिया!

अँड थँक यू सो मच गाइज्! आपने इस सरप्राइज मे मेरी बहुत हेल्प की| थँक यू सो मच!" विवेक जी ने कहा|


"सर ये सब? ये सब क्यो? ये तो मेरा काम था जो मैने किया और ये सब करके तो आप मुझे शर्मिंदा कर रहे हैं| "गौरी थोडी सिरीयस होकर बोली|


"चलो मान लेते हैं की एक बॉस अपनी एंम्प्लॉयी के लिए ये सब नही कर सकता| पर एक पिता तो कर सकता है ना अपनी बच्ची के लिए? " विवेक जी ने हसते हुए गौरी से पूछा|


गौरी आँखे ये सुनकर नम हो गई|
उसने बस गर्दन हिला कर हा कह दिया|


विवेक जी फिर एक बार स्टाफ की ओर मुडे और कहने लगे|


"वन मोअर थिंग गाइज!  आप लोग तो जानते हो कि मेरा बेटा रुद्र कुछ दिन पहले ही इंडिया वापस आया है| तो कुछ दिन बाद वो ऑफिस जॉइन करना वाला हैं|"
सब ने तालिया बजायी|


"और उससे पहले, कल मेरे घर पर होगी एक शानदार पार्टी ! रुद्र की वापस आने की खुशी मे |"

पार्टी का नाम सुनकर सब बहुत खुश हो गए|


"यू ऑल आर इन्वाइटेड फॉर द पार्टी| कल शाम सिंघानिया मँशन मे ! "

सब लोग खुश होकर तालिया बजाने लगे|


"ओके... ओके.... ओके.... सायलेंस...... नाउ ऑल गेट बैक टू युअर वर्क....... कम ऑन...! " विवेक सबको शांत करते हुए बोले|

सब लोग अपने अपने काम पर लग गए|
गौरी भी जा ही रही थी की विवेक ने उसे रोका |

"गौरी.....! "


"जी सर... "


"कल शाम सीमा जी को भी अपने साथ ले आना| उनसे कहना की उन्हें आना ही है और अब इस बार किसी इमर्जन्सी केस का बहाना नही चलेगा| मै आप लोगों को रुद्र से मिलवाना चाहता हूँ | "


"शुअर सर! मै ममा को लेकर ही आऊंगी| " कहकर वो अपने केबिन में चली गई|

विवेक जी बहुत खुश थे|









रात को रुद्र घर के गार्डन मे बैठा था| तभी अचानक बारिश शुरू हो गई|
वो बारिश से बचने के लिए घर के अंदर जा ही रहा था की......

उसे दिखा की एक पेड के पीछे से गौरी उसे देख रही है| (ये बस रुद्र का वहम था) उसे देखकर वो रुक गया|
आज भी उसका रुप बहुत लुभावना लग रहा था| नीली आँखे, खुले बाल, सफेद कपडे! जैसे कोई राजकुमारी हो| बारिश के पानी में वो पूरी तरह भीग चुकी थी| 


वो उसके पास गया|
वो अपने घुटनो पर बैठ गया और उसका हाथ अपने हाथ मे लिया|



'सजदे मे यू ही झुकता हू.... 
तुमपे ही आके रुकता हू...... 
क्या ये सब को होता है..... 


गौरी भी उसके साथ घुटनों पर बैठ गई|

'हमको क्या लेना हैं सब से... 
तुमसे ही सब बाते अब से..... 
बन गए हो तुम मेरी दुआ...... '


गौरी भी गा रही थी|


इधर गौरी भी ऑफिस से घर जा रही थी| पर बारिश शुरू होने की वजह से उसने गाडी रोकी और शेड के नीचे चली गई|


'तू कहे तो तेरे ही कदम के मै निशानो पे.... 
चलू रुकू इशारे पे...... 
तू कहे तो ख्वाबो का बनाके मैं बहाना सा.... 
मिला करू सिरहाने पे...... '

गौरी ने गाते गाते दोनो हाथ फैलाकर बारिश की बूँदे अपने उपर ले ली|

'तुमसे दिल की बाते सीखी.......
तुमसे ही ये राहे सिखी..........
तुमपे मरके मै तो जी गया............ 
खुदा जाने के..... मै फिदा हू............ '


गौरी को कही से आवाज आने लगी| 

उसने आसपास ढूँढा पर कोई नही था| उसने बस कर खुद के ही सर पर मारा और कहा,
"मै भी ना....!
जल्दी लौट आइये सिद्धार्थ| जल्दी लौट आइये | "


इधर रुद्र अपने खयालों के साथ बहुत खुश था|

गौरी उसके साथ लुकाछिपी खेल रही थी| वो एक पेड के पीछे छूप गई| पर उसको ढूँढते ढूँढते रुद्र अचानक ही बहुत पॉज़ेसिव हो गया|


'दिल कहे की आज तो छूपा लो तुम पनाहो मे.... 
के डर है तुमको खो दूँगा.... 
दिल कहे संभल जरा.. 
खुशी को ना नजर लगा.. 
की डर है मै तो रो दूँगा...... '

गौरी को समझ आ गया की वो इमोशनल हो गया है, इसलिए वो बाहर आ गई और रुद्र के पास गई |

' हो........
 करती हू सौ वादे तुमसे.... 
बाँधे दिल के धागे तुमसे... 
ये तुम्हें न जाने क्या हुआ.....? '

रुद्र ने उसे देखते ही उसकी कमर पकडी और झट् से उसे अपने पास खींच लिया और कसकर गले लगा लिया|


'खुदा जाने के मै फिदा हू....... '



अब इधर रुद्र भी अपने खयालों मे गौरी के साथ और उधर गौरी सिद्धार्थ की याद के साथ खुश थे|












पार्टी वाले दिन -

शाम को सिंघानिया मँशन मे पार्टी की बहुत ही शानदार तैयारीयॉ की गई थी| घर का हर एक कोना रौशनी और फूलों की सजावट से खिल उठा था| हॉल के बीचोबीच बडा सा स्टेज था| कई लोगो को पार्टी के लिए इन्वाइट किया गया था| बडे बडे इन्व्हेस्टर्स, डीलर्स, बिझनेसमन! विवेक और शालिनी जी उनके साथ बिझी थे| तभी रुद्र वहा आया|

आज वो बहुत ज्यादा हँडसम लग रहा था| 
 व्हाइट जीन्स, व्हाइट शर्ट और उसके उपर बेबी पिंक कलर का ब्लेझर! आज को वो बहुत ही ज्यादा किलर लग रहा था| सब लडकिया तो बस उसको ही देख रही थी|

विवेक जी ने सब से रुद्र की पहचान करवाई|

रुद्र : पापा! कहा रह गई पार्टी की दूसरी वजह? क्या अब तक आयी नही? मै सीमा आंटी से भी मिलना चाहता हूँ और गौरी से भी!

विवेक जी : पता नहीं कहा रह गई? पर उसका फोन तो आया था की निकल गई है ऐसा| आती ही होगी|

रुद्र : पापा रेवती बुआ नही आयेंगी? और रिया?

विवेक जी : बेटा मैने कॉल किया था रेवती को , पर वो नही आ पायेंगी|  रिया की एक्जाम्स चल रही है|
यू एंजॉय द पार्टी! सब से जान पहचान करो| आखिर अब हमें इन्ही के साथ काम करना है|

रुद्र :जी पापा !

विवेक जी अपने दोस्तों से बात करने मे लग गए|
रुद्र के दोस्त भी पार्टी मे आये थे| तो रुद्र भी अपने दोस्तों से बात करने मे लग गया|




तभी गौरी अपनी ममा के साथ वहा पहुंची|

गौरी आज बहुत ही सुंदर दिख रही थी..... 
बेबी पिंक कलर का वन पीस, लाइट मेकअप और होठों पर हलकी गुलाबी रंग की लिपस्टिक,
 एक हाथ मे सिल्वर कलर की घडी और दूसरे मे ब्रेसलेट,
 गले मे पतला सा नैकलेस और कानो मे लंबे झुमके !
उसके खुले लंबे बाल उसकी खुबसुरती मे चार चांद लगा रहे थे |
पर इतनी सादगी मे भी वो बहुत ज्यादा खुबसुरत लग रही थी|
सब लोग उसको ही देख रहे थे|



जैसे ही गौरी ने घर मे कदम रखा, रुद्र को कुछ अजीब महसूस हुआ| वो दरवाजे की तरफ देखने ही वाला था की उसका एक दोस्त उसका हाथ खींचकर उसे किसी से मिलवाने ले गया| अगर रुद्र दरवाजे की ओर देख लेता तो गौरी से उसकी मुलाकात हो सकती थी|


गौरी को भी कुछ अजीब लग रहा था|

सीमा जी : क्या हुआ बेटा? सब ठीक तो है? 

पर इससे पहले की गौरी कोई जवाब दे, विवेक शालिनी वहा आ गए|

शालिनी और सीमा जी गले मिली| गौरी भी शालिनी जी से गले मिली|

गौरी : कैसी है आंटी आप? मैने आपको बहुत मिस किया|


शालिनी : झूठी! अगर मिस करती तो मिलने जरूर आती आप!

गौरी : नही आंटी मै सच कह रही हू| बस ऑफिस की वजह से वक्त नही मिल पाता|

वैसे रुद्र जी कहा है? हम मिलना चाहते हैं उनसे!

सीमा : हा शालिनी जी! मै कब से तरस रही हू उससे मिलने के लिए! 

विवेक : आइये ना! आप लोग अंदर तो आइये! मै मिलवाता हू आपको|

वो सब लोग अंदर गए|

विवेक जी सीधे स्टेज पर गए|


विवेक : लेडीज अँड जेंटलमेन! मे आय हैव युअर अटेंशन प्लीज?


सब लोग विवेक जी की ओर देखने लगेे|

विवेक : जैसे की आप सब लोग जानते हैं, सिंघानिया मँशन मे बहुत अरसे बाद कोई फंक्शन हो रहा है|


ज्यादा टाइम वेस्ट ना करते हुए आपको सबसे पहले इस पार्टी की वजह बताता हू|


मेरा बेटा, रुद्र सिंघानिया कुछ दिन पहले ही अमेरिका से अपनी पढाई पूरी कर इंडिया लौटा है और ये खुशी मै आप सब लोगों के साथ शेअर के करना चाहता था|

 मेरे सारे एंम्प्लॉयीज को मै बता दू, एक खडूस बॉस को तो आप सहन करते ही है पर अब आपको एक और खडूस बॉस को सहना पडेगा
और वो है, मेरा बेटा ! रुद्र सिंघानिया !

सब लोग खुश होकर तालिया बजाने लगे|

विवेक : कम ऑन माय बॉय! कम ऑन स्टेज !

स्पॉटलाइट रुद्र के उपर पडी|
सब लोग रुद्र को देखने लगे|
गौरी और सीमा जी पीछे खडी थी तो उन्हे ठीक से रुद्र का चेहरा दिखाई नहीं दे रहा था|


रुद्र स्टेज पर गया और जब विवेक जी के साथ मे जाकर खडा हुआ तब गौरी को रुद्र का चेहरा दिखाई पडा| 

रुद्र को देखते ही उसके होश उड गए| 
उसे रुद्र के साथ बिताया एक एक पल याद आने लगा और वो व्हिजन्स भी जो उस दिन उसे आ रहे थे|
उसे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था|

रुद्र स्टेज पर से सबको थँक्स बोल रहा था|
पर उसको गौरी दिखाई नही दे रही थी क्योंकि वो पीछे खडी थी|


विवेक : कमिंग ऑन टू द अनदर रिज़न ऑफ द पार्टी,

गुलमोहर प्रोजेक्ट - ये मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है! हमेशा से!
मैने सोच रखा था की कभी ना कभी तो मुझे एक ऐसा प्रोजेक्ट बनाना ही है, जिससे वो गरीब लोग, जो बहुत बडे बडे फ्लैट्स अफॉर्ड नही कर सकते|
वो लोग.....जो होते तो गरीब है.... पर उनके सपने.... वो कभी गरीब नही होते......बहुत अमीर होते हैं|
तो ऐसे ही अमीर लोगो के लिए इस प्रोजेक्ट मे होंगे फ्लैट्स.... पर अफॉर्डेबल...!!

तो आप ऐसा कह सकते हो की मै अपने सपने का सहारा लेकर कई लोगों के सपने साकार करने वाला हूँ|




सबने विवेक जी के लिए दिल से तालिया बजायी|



विवेक : वेट अ मिनट....! वेट अ मिनट.....!

इस तालियो का हकदार असल मे कोई और ही है!

क्योंकि जिस दिन इस प्रोजेक्ट की लिए डील होनी थी, उसी दिन मेरे बेटे रुद्र का बहुत बुरा एक्सीडेंट हो गया था| जिसकी वजह से मै ये डील क्रैक नही कर पाया|

सब के चेहरे पर प्रश्नचिन्ह था|

विवेक : आप सब लोग यही सोच रहे हो ना की अगर ये डील मैने नही की तो प्रोजेक्ट मुझे मिला कैसे? 

ये काम मैने नही किसी और ने किया हैं और उसका मै जितना शुक्रिया करू उतना कम होगा| 

वो है हमारी कंपनी की गौरी शर्मा !
ये सारी तालियाँ उनके लिए होनी चाहिए क्योंकि अगर वो ना होती तो शायद ये प्रोजेक्ट हाथ से निकल जाता मेरे! 

गौरी प्लीज कम ऑन स्टेज..! 



सब लोगों ने बहुत जोरदार तालिया बजायी| पर गौरी सामने नही आ रही थीट

सब लोग उसे ही ढूँढ रहे थे| रुद्र की नजरे भी उसे ही ढूँढ रही थी|


गौरी इस सब से बहुत हडबडायी हुई थीट उसे कुछ समझ नहीं आ रहा थाट


विवेक : गौरी...! प्लीज कम ऑन स्टेज!  एव्हरीवन वाँट्स टू सी यू !



ओह....! देअर द प्रिटी गर्ल इज..!



विवेक जी ने उँगली से गौरी की ओर इशारा करते हुए कहा|


सब लोग उस ओर देखने लगे| गौरी के आगे जो लडकिया खडी थी वो हट गई|

गौरी हडबडायी नजर आ रही थी|


सब लोग उसे चियर करने लगे|

रुद्र की भी नजर उसपर पडी|
गौरी को देखते ही उसे बहुत बडा सरप्राइज मिला| वो बहुत शॉक्ड था| 
उसकी आँखे गौरी को देखकर खुली की खुली रह गयी|



"कम ऑन गौरी....!  कम ऑन स्टेज...!" विवेक जी उसे बुला रहे थे|


सीमा जी ने उसे फोर्सफुली स्टेज पर भेजा|


रुद्र गौरी एक दूसरे को देखकर शॉक्ड थे|

गौरी स्टेज पर आ रही थी| रुद्र बस उसे ही देख रहा था| अब तो उसकी खुशी का ठिकाना ना रहा|

गौरी स्टेज पर आयी|

विवेक : सो लेडिज अँड जेंटलमेन....!

ये है वो दोनो जिनकी वजह से मै आज इतना खुश हूँ| प्लीज ब्लेस देम विथ युअर गुड विशेज्......!
अँड एंजॉय द पार्टी....!




सब लोगों ने बहुत तालिया बजायी|


विवेक :  गौरी...! ये है रुद्र...... और रुद्र.... ये है गौरी...... !



रुद्र आगे बढ़ा और गौरी के सामने हाथ आगे करके कहने लगा| 

"हाय....! आय एम रुद्र ! "

गौरी ने हाथ मिलाया|


"गौरी.....! " वो बस इतना ही बोली| वो अब भी बहुत हडबडायी हुई थी|

सीमा जी भी रुद्र से मिली| उन्होंने बहुत सारी बाते की| पर गौरी ज्यादा नही बोल रही थी|

11 दिसम्बर 2021

Jyoti

Jyoti

अच्छी कहानी

7 दिसम्बर 2021

41
रचनाएँ
क्या हुआ... तेरा वादा...
5.0
ये कहानी है रुद्र और गौरी की.....जो दोनो पिछले जनम मे एक ना हो सके............ क्या इस जनम मे हो पायेंगे......... ??
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<div><br></div><div><br></div><div><br></div><div><br></div><div><br></div><div><br></div><div>"आप ज

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क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 28)

5 नवम्बर 2021
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<div>आज महल मे हर ओर शहनाई की गूँज थी| सारा राज्य ख़ुशी से झूम रहा था| आज बहुत ही शुभ दिन था| आज खुश

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क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 29)

6 नवम्बर 2021
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<div>गर्भग्रह मे खडे हर शख्स की आँख नम थी| विवेक जी और शालिनी जी तो सुन्न हो गए थे|</div><div>गुरूजी

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क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 29)

6 नवम्बर 2021
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<div>गर्भग्रह मे खडे हर शख्स की आँख नम थी| विवेक जी और शालिनी जी तो सुन्न हो गए थे|</div><div>गुरूजी

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क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 30)

7 नवम्बर 2021
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<div>सिंघानिया मँशन मे पार्टी की शानदार तैयारीयाँ की गई थी|</div><div>हर तरफ रौशनी, रंगबिरंगे फूल, र

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क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 31)

8 नवम्बर 2021
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<div><br></div><div><br></div><div><br></div><div><br></div><div>गौरी अपने कमरे मे देर रात तक कुछ का

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क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 32)

9 नवम्बर 2021
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<div><br></div><div><br></div><div><br></div><div>" आह्ह!!!" गौरी जमीन पर गिर पडी|</div><div><br></d

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क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 33)

10 नवम्बर 2021
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<div>सिंघानिया मँशन मे रुद्र और रिया की सगाई की तैयारीयाँ शुरू हो गई थी| रेवती तो बहुत ही खुश थी| रि

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क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 34)

11 नवम्बर 2021
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<div>आगे की कहानी 6 महीने बाद.... </div><div><br></div><div><br></div><div><br></div><div>बेताह

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क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 35)

12 नवम्बर 2021
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<div>रुद्र और गौरी अामने सामने थे|</div><div>दोनो के आँखो से लगातार आँसू छलक रहे थे|</div><div><br><

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क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 36)

13 नवम्बर 2021
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<div>सब लोग हॉल मे बैठकर शालिनी जी के हाथ का बना हलवा खा रहे थे|</div><div><br></div><div>"आप सब लोग

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क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 37)

14 नवम्बर 2021
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<div>एक सेवक रुद्र और रिया को लेकर महल के अंदर जा रहा था| जैसे जैसे रुद्र आगे बढ़ रहा था उसे सब बहुत

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क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 38)

15 नवम्बर 2021
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<div><br></div><div><br></div><div><br></div><div>रुद्र ने गौरी को नीचे गिरा दिया था| गौरी की कमर मे

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क्या हुआ...तेरा वादा... (भाग 39)

16 नवम्बर 2021
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<div>पूरे महल और पूरे राज्य मे युवराज्ञी के भव्य स्वयंवर की तैयारीया चल रही थी|</div><div><br></div>

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क्या हुआ... तेरा वादा... (भाग 40)

17 नवम्बर 2021
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<div><br></div><div>गौरी मलबे के नीचे दब गई थी |</div><div><br></div><div>बेहाल होकर पड़ा हुआ रुद्रा

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