दिल्ली सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव ने निर्देश दिया है कि सभी रेफरल मामलों, एमएस/एमडी के सभी औचक दौरे की रिपोर्ट हर उप सचिव बिना किसी देरी के भेजी जाए। वहीं सीएम केजरीवाल ने घटना के बाद अस्पतालों में चिकित्सकों की 24 घंटे तैनाती को लेकर सख्ती के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में मरीजों इलाज और उन्हें एडमिट करने से इनकार नहीं किया जाना चाहिए।
खबरों के मुताबिक तीन जनवरी को चलती पुलिस वैन से कूदने से घायल हुए शख्स को पुलिस पहले जीटीबी फिर एलएनजेपी अस्पताल लेकर गई। आरोप है कि दोनों ही अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया, जिसके चलते उसकी मौत हो गई। अस्पताल अथॉरिटी की जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने के बाद डाक्टरों के खिलाफ एक्शन लिया गया।
इसको लेकर 5 जनवरी को स्वास्थ्य सचिव की मौजूदगी में एक अहम बैठक की गई। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने सभी चिकित्सा निदेशकों और चिकित्सा अधीक्षकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि किसी भी परिस्थिति में किसी भी मरीज को इलाज से इनकार नहीं किया जाए। बैठक में चिकित्सकों को दिन के साथ-साथ रात की पाली में भी अस्पताल का बार-बार चक्कर लगाने को कहा।
सीएम केजरीवाल ने सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों को किसी भी परिस्थिति में मरीजों के इलाज से इनकार नहीं करना चाहिए। सीएम का ये निर्देश ऐसे वक्त में आया है जब दिल्ली सरकार द्वारा संचालित तीन अस्पतालों सहित चार सरकारी अस्पतालों ने कथित तौर पर कुछ मरीजों से एडमिट करने से इनकार करने की खबरें सामने आईं।