भाग - 8
शीर्षक-सोच बदलना है !
रचनाकार-क्रान्तिराज
( पटना ,बिहार )
शीतल करीव चार साल के हो गई है,सुंदरता की क्या कहना
देखकर चाँद भी सरमा जाये ,मानो हँसे तो मोती गिरता हो
,प्रमात्मा मानो कुट कुट कर आत्म ज्ञान की माला गुंथ दिया हो ,
किसी भी मनुष्य का आत्मज्ञान का निखार अपने आप ही
उपज होती है ,जैसे की किसी बिज अपने आप अंकुरित होती
है,बैसे ही मनुष्य का आत्मज्ञान अपने आप ही उपजता है !ना
कि किसी के दूारा उपज होता है ,हर मनुष्य की बचपन से ही
बोल वचन से ही मनुष्य की ज्ञान निखरता है ! शीतल को भी
बचपन से ही आत्मज्ञान की कली खिल रही थी !बचपन से ही
शितल की बोल वचन से सब का मोह मोह लेती थी ! बचपन
से ही ज्ञान की गंगा समाहित मानो है ! अब शितल स्कुल में
जाने लगी है ,लेकिन बहुत ही अफसोष अनिल को हो रही है
,क्योकि सरकारी स्कुल में अपनी बच्ची शितल को नामांकन
मजवुरी बश कराना पडा !क्योकि प्राइवेट स्कुल में नाम
लिखाने में सक्षम नही है ! कहावत है कि मजवुरी में ही
आदमी गरीवी में गुजर वसर करता है !जिंदगी से अनिल को
बहुत ही शिकायत थी लेकिन बेवसी में ही इंसान कुछ नही
कर सकता है !विडम्ना है कि एक तरफ सरकारी स्कुल की
दयनिये स्थति से आवगत हम आप सभी है ,दुसरी तरफ
प्राइवेट स्कुल की हाई फैसलिटी से सभी अवगत है !
प्राइवेट स्कुल में साधारण परिवार के बच्चे पढ नहीं सकते
,क्योकि प्राइवेट में हाई स्कुल फीस ,स्वय स्कुल का ड्रेस ,स्वय
स्कुल की कितावे ,सारी हाई फैसलिटी की भरमार में साधारण
परिवार कभी अपने बच्चे को पढा नही सकते !
साधारण परिवार सिर्फ और सिर्फ सरकारी
स्कुल में ही पढा सकते क्योकि गरीव कभी भी सक्षम नही हो
सकते कि प्राइवेट स्कुल में अमीरो की सहजादे ही पढते है !
इस पंक्ति को लिखने के लिए क्षमा चाहता हुँ लेकिन लिखना
भी मजबुरी है ! देश की आज जो स्थति इससे परे नही
दुर्भागय इस सिस्टम प्रणाली की जहां अमीरी और गरीब की
दिवारे ऊची बनती जा रही है !
शितल की विचार संसार से कोई भी न कहता कि गरीव घर
की बच्ची है !लेकिन कहावत है कि आत्मज्ञान सभी को
अंर्तआत्मा से उपज होती या माँ पिता के संसार से लेकिन
कह देते लोग मुहबोली बच्ची थोडी न है ,ये सडक किनारे मिली
.
थी ! लेकिन अनिल पिता होने का एक फर्ज से पीछे नही हटता !
इस प्रकार दिन पर दिन बिते जा रही थी शितल धीरे धीरे श्यान
हो रही है ,दिनोदिन सुंदरता में चार चांद लग रही है ! शितल
की स्कुल में कुछ सहेली भी बन गई है ! शितल अपनी सहेली
.
के साथ खुश रहने लगी है ! शितल की सहेली का नाम शायद
अर्चना श्रीवास्तव जो घर की एकलौती संतान है !
भाग-8 पढने के लिए धन्यवाद अगले भाग -9 में पढे
अर्चना की घर की दास्तान !
.
सधन्यवाद