अगर आप एक स्टूडेंट हैं और पढ़ाई को लेकर हर वक्त स्ट्रेस में रहते हैं तो इससे आपकी सेहत खराब हो सकती है और अगर बहुत ज्यादा सोशल लाइफ को टाइम देते हैं तो इससे पढ़ाई पर असर पड़ सकता है तो इन दोनों में कैसे बैलेंस बनाकर चल सकते हैं इसके बारे में जानना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं कैसे।
स्टूडेंट अपने समय को ऐसे करें मैनेज।
स्टू़डेंट लाइफ में बच्चों पर बहुत ज्यादा प्रेशर होता है पढ़ाई का, जिस वजह से कई बार वो दूसरी चीज़ों पर ध्यान ही नहीं दे पाते। पढ़ाई में तो अव्वल रहते हैं लेकिन दूसरी कई जरूरी चीज़ों से अंजान। इनमें से कई सारी चीज़ें उनके आगे की लाइफ के लिए जरूरी होती हैं, तो एक पेरेंट्स होने के नाते आपका फर्ज है कि बच्चों को बताएं कि पढ़ाई के साथ-साथ और भी चीज़ों पर ध्यान देना जरूरी है। साथ ही इसे मैनेज करने के तरीके भी। आइए जानते हैं इसके बारे में।
1. अध्ययन की योजना बनाएं
एक ऐसी लिस्ट बनाएं जिसमें पढ़ने के साथ ही साथ और दूसरे जरूरी काम भी शामिल हों। सबसे जरूर कामों की डेडलाइन्स तय करें। प्रियोरिटी बेसिस पर अपने समय को कामों में डिवाइड करें। पढ़ाई और दूसरी एक्टिविटीज में कितना वक्त देना है ये फिक्स कर लेंगे, तो और भी चीज़ों को एन्जॉय कर पाएंगे।
2. टाइम टेबल बनाएं
पढ़ने, खेलने और दूसरी एक्टिविटीज का एक टाइम-टेबल बनाएं और उसे स्ट्रिकली फॉलो करें। इससे हर एक चीज़ को कवर किया जा सकता है और पढ़ाई के अलावा दूसरी चीज़ों में भी माहिर बना जा सकता है।
3. छोटे-छोटे लक्ष्य बनाएं
आपका जो भी टारगेट है उसे एक बार में अचीव करने की न सोचें, बल्कि धीरे-धीरे आगे बढ़ें। फिर चाहे वो डेली का टारगेट हो, वीकली या मंथली। इतना प्रेशर न लें कि चीज़ों को दो सेे तीन दिन बाद फॉलो करना मुश्किल लगने लगे।
4. टाइम बर्बाद करने वाली एक्टिविटीज से बचें
अपनी डेली रूटीन में समय बर्बाद करने वाली एक्टिविटीज की पहचान करें और उन्हें अपने प्लान से पूरी तरह आउट करें। सोशल मीडिया पर स्क्रोलिंग, टीवी देखना या फोन पर लंबी बातचीत करने से पता ही नहीं लगता और हम अपने जिंदगी के कीमती घंटे बर्बाद कर देते हैं जो हम किसी प्रोडक्टिव काम में दे सकते थे।
5. ‘ना’ कहना भी सीखें
स्टूडेंट और सोशल लाइफ में बैलेंस करने बनाकर चलता है, तो "ना" कहना सीखें। बेशक स्टूडेंट लाइफ ही आगे चलकर लोग सबसे ज्यादा मिस करते हैं, लेकिन यही वो टाइम भी होता है जब आपको करियर पर सबसे ज्यादा फोकस करना होता है, तो इसके आड़े आने वाली चीज़ों को लेकर असमंजस में रहने के बजाय साफतौर पर न कहकर आगे बढ़ना सीखें।
इन चीज़ों को अपनी दिनचर्या में शामिल करके, आप न केवल पढ़ाई में आगे रहेंगे, बल्कि स्टूडेंट लाइफ के हर एक पल को भी जी पाएंगे।