सखि, 28 मई को तेलांगना राज्य की राजधानी हैदराबाद में शाम साढे पांच बजे के बाद एक 17 वर्ष की नाबालिग लड़की के साथ 5 युवकों ने इनोवा कार में सामूहिक बलात्कार कर हैदराबाद और वहां की सरकार का न
कानपुर का मौसम आजकल कानपुर शहर का मौसम बहुत चर्चित है । हो भी क्यों नहीं । आखिर जून का महीना है और जून में तो उत्तर भारत में चिलचिलाती धूप रहती है जिसके कारण तापमान एवरेस्ट की तरह ऊंचा हो जाता है
सखि, सुना है कि कानपुर में कथित शांति समुदाय ने भयंकर हिंसा कर दी है । हिंसा भी किस दिन और कब शुरू की गई, यह जानना बहुत ही जरूरी है । इस समुदाय के द्वारा सप्ताह में एक दिन अपने धार्मिक
कोरोना वारियर्स को सलाम की श्रंखला में मेरा अगला सलाम है भरभूती जी और तिवारी जी जैसे पड़ौसियों को । कितना विशाल हृदय है होता है ऐसे लोगों का । इस हृदय में चाहे पत्नी के लिए कोई जगह हो अथवा ना हो लेकि
हरिवचन - 1 साथियो, कोरोना संकट में हम लोगों के लिए युद्ध स्तर पर जुटे समस्त डॉक्टर, मेडिकल टीम, सर्वे टीम, सफाई कर्मी , पुलिस प्रशासनिक अधिकारी , राजनेता, स्वयंसेवी संगठन आदि के अनथक परिश्रम , सेवा भा
हरिवचन - 1 साथियो, कोरोना संकट में हम लोगों के लिए युद्ध स्तर पर जुटे समस्त डॉक्टर, मेडिकल टीम, सर्वे टीम, सफाई कर्मी , पुलिस प्रशासनिक अधिकारी , राजनेता, स्वयंसेवी संगठन आदि के अनथक परिश्रम , सेवा भा
प्रतिलपि सखि, पूरे देश में कोहराम मचा हुआ है । चारों ओर चीख पुकार हो रही है । दरबारी "रूदाली" बनकर जार जार रोये जा रहे हैं । चापलूस और चाटुकार आंखों में ग्लिसरीन डाल डालकर नौ नौ आंसू बहाकर
कहते हैं ना कि कोई चीज़ हमेशा प्राथमिकता नहीं रहती। वक़्त के साथ-साथ हर चीज़ का विकल्प मिल जाता है । हाँ! बहुत समय से यह मान्यता थी कि इंसान का कोई विकल्प नहीं हो सकता लेकिन इंसान के दिमाग ने ही इस धारणा
हास्य-व्यंग्य ऐसी शादी से भगवान बचाए 1980 की बात है। हमारे गांव में एक लड़की को देखने के लिए कुछ लड़के वाले आये । पहले घरों में बहुत सारा सामान नहीं होता था । मौहल्ले से ही अच्छे अच्छे बर्तन
रितिका ने ब्रेड पिज्जा सर्व किया । प्रथम ने तो बिना चखे ही ब्रेड पिज्जा का बखान करना शुरू कर दिया । यह देखकर लाजो जी से जब रहा नहीं गया तो वे तपाक से बोली "हां, ब्रेड पिज्जा तो आज पहली बार ही बना है न
अपने दादा छिछोरे लाल की तरह भौचक्का भी पतंग का शौकीन था। पतंग लूटने में भौचक्का सबसे आगे रहता। यहाँ उसी के कुछ किस्से दिये जा रहे हैं। भौचक्का हाथ में झाड़ लेकर कटी पतंग के पीछे भागा जा रहा था। उसकी आँ
"आज नाश्ते में क्या बनाऊं,मम्मी" लाजो जी जैसे नींद से जाग पड़ी । इतनी मीठी आवाज ! उसे विश्वास ही नहीं हुआ कि यह आवाज उसकी बहू रितिका की है । उसने कन्फर्म करने के लिये अपना चेहरा आवाज की ओर घुमाया । सा
आज शीला चौधरी के अहाते में "लेडीज क्लब" का मेला लग रहा था । कई दिनों के बाद आज लेडीज क्लब सरसब्ज हुआ था । इसलिए सब महिलाओं के चेहरे चमक रहे थे । कुछ तो गपशप करने के कारण और,कुछ मेकअप करने के कारण । कु
कोई जमाना था जब पत्रकारिता एक जुनून हुआ करती थी । लोगों तक "खबर" पहुंचाना बहुत कठिन काम हुआ करता था । अंग्रेजों का राज था आखिर । ऐसे में कल्पना ही की जा सकती है कि "अखबार" निकालना और उसे लोगों तक पहुं
बड़ी मेहनतों के बाद प्रकृति के कोप से बचाकर पशु पक्षियों से संरक्षित करते हुए किसान जब फसल घर लाता है तो उसे स्वर्ग जीत लेने का आनंद सा आ जाता है । झुर्रियों से छुप
ललुआ सुबह तीन बजे उठ जाता। वह गोदी में उठाकर अपनी भैंस को तबेले की तीसरी मंजिल पर ले जाता। वह भैंस को हाथ में ऊपर उठाता और छोड़ देता। ऐसा दो तीन बार करने पर भैंस नींद से उठ जाती और रंभाना शुरू कर देती।
# आज इंद्रापुरम में दूध फट गया जिसकी आवाज कई किलोमीटर तक सुनी गई। बताया जा रहा है कि कोई व्यक्ति फ्रिज में रखकर दही जमाने की कोशिश कर रहा था। जिस कारण दूध फट गया। फटे दूध को सिलने के लिए दर्जियों की म
अमोलक जी जैसे ही झाड़ू उठाकर बाहर जाने लगे तो लाजो जी ने उन्हें पीछे से पकड़कर खींचा "भगवान ने थोड़ी बहुत भी अक्ल नहीं दी है क्या ? पता नहीं किस मूर्खानंद ने आपको अफसर बना दिया ? गुण तो घास खोदन
लाजो जी की हालत खस्ता कचौरी जैसी हो गई । सारा काम उन्हें ही करना पड़ेगा , यह सोच सोचकर ही उनका दिल बैठा जा रहा था । काम करने की आदत रही नहीं । बस, अब तो सोशल मीडिया पर ही समय गुजरता है लाजो जी क