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व्यंग्य

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लक्ष्मी जी को छमिया भाभी के बारे में होने वाली बातों में बड़ा रस आता था । दरअसल छमिया भाभी पर पूरे मौहल्ले के मर्द जान छिड़कते थे । बस यही बात लक्ष्मी जी को हजम नहीं होती थी । इसलिए वो गाहे बगाहे छमिय

सखि, आज तो बहुत गजब की बात पता चली है । अब तुम्हारे पेट में भी खलबली मचने लगी होगी ना कि वह गजब की बात क्या है ? सब्र रखो , अभी बताते हैं । आज पता चला है सखि कि कोरोना से याददाश्त भी चली जात

डायरी सखि, बड़ा गजब तमाशा था आज । दिल्ली की सड़कें निहाल हो गई आज तो । एक राजा के कदम चूमने का सौभाग्य आखिर दिल्ली की सड़कों को मिल ही गया । आजकल तो यह सौभाग्य ज्यादातर विदेशी सड़कों को ही नसीब ह

लक्ष्मी जी को अपनी कही हुई बात पर जवाब देते हुए नहीं बना तो यह कहते हुए बचने की कोशिश करने लगीं कि "एक बात बताओ जिज्जी कि पति के साथ घूमने में भी कोई आनंद आता है क्या ? अरे, एक ही सूरत देखते देखते बोर

डायरी सखि, तुमने यह कहावत तो सुनी ही होगी कि सौ सुनार की और एक लुहार की । सुनी है ना । मुझे पता था , जरूर सुनी होगी । तो आज "लुहार" ने एक चोट मार ही दी । तुम ये तो जानती ही हो कि "लुहार" जब कोई च

डायरी सखि , आजकल एक जुमला बहुत सुनाई दे रहा है "अंतरात्मा की आवाज" का । लोग कह रहे हैं कि "अंतरात्मा की आवाज सुनो और उसी के अनुसार वोट दो" । अब ना तो अंतरात्मा जिंदा है और ना ही कोई उसकी आवाज सुन

लाजो जी का मन कहीं लग नहीं रहा था । मन लगता भी कैसे ? जबसे चौधराइन ने "खुशखबरी" सुनाई है तब से लाजो जी की नींद हराम हो गई है । पड़ौस में तो किलकारियां गूजेंगी मगर यहां "ताने" मारे जायेंगे । आजकल जमाना

सखि,क्या बताऊं तुम्हें कि आजकल किस कदर दहशत का माहौल है ? जो लोग कहते आये हैं कि उन्हें और उनकी बीवियों को इस देश में डर लग रहा है । दरअसल वे कहना चाह रहे थे कि पूरे देश को और उनकी बीवियों को उन्हीं स

सखि, आजकल ईमानदारी का प्रमाण पत्र बंट रहा है । सच कहूं तो यह प्रमाण पत्र वर्ष 2012 से बंट रहा है । पहले उसका स्वरूप दूसरा था ।  तब यह "भ्रष्टाचार प्रमाण पत्र" हुआ करता था । तब ये प्रमाण पत्र

अमोलक जी को लगा कि लाजो जी ताना मार रही हैं कि प्रथम को पांच साल हो गए हैं शादी किए मगर अभी तक कोई बच्चा नहीं लगा रितिका को । लाजो जी को समझाते हुए वे कहने लगे "आजकल बच्चे बहुत समझदार हो गए हैं । वे अ

जब से लाजो जी ने सुना था कि चौधराइन की बहू मेघांशी "पेट से है" उनके दिमाग में लावा सा दौड़ने लगा । एक कहावत है न कि "पाड़ौसन खावे दही तो मो पै कब जावा सही" । जब पड़ौसन की बहू जो कि अभी दो साल पहले ही

सखि, पता है हमारे मौहल्ले में रहने वाले दुखीराम जी को अस्पताल ले जाना पड़ा कल रात को । और उन्हें आई सी यू में भर्ती करवाना पड़ा । डॉक्टर बता रहा था कि हृदय रोग है, रक्तचाप भी कम है । हमने पूछा "ऐ

हरिवचन भाग 6 मुफ्तखोरी की लत आज लॉकडाउन का 21वां दिन है और लॉकडाउन 1.0 का अंतिम दिन है। आज 10 बजे प्रधानमंत्री जी देश को एक बार पुनः संबोधित करेंगे और उम्मीद है कि लॉकडाउन 2.0 आज घोषित हो जायेगा जो

हरिवचन भाग 5 घृणा वीरों को सलाम कोरोना वीरों से इतर योद्धाओं को सलामी देने की श्रृंखला में आज अंतिम कड़ी में घृणा वीरों को सलामी दी जायेगी । हमारे शास्त्रों और दर्शन में कहा गया है कि आत्मा अजर अमर

हरिवचन भाग 4 तोड़ू फोड़ू संस्कृति के महानायकों को सलाम एक सलाम उन महानायकों को भी बनता है जिन्होंने इस देश को कोरोना की थर्ड स्टेज के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है । जब लॉकडाउन पूरी तर

हरिवचन भाग - 3सोशल मीडिया वीरों को सलाम आज सोशल मीडिया का जमाना है। किसी जमाने में कहा जाता था कि " जीवन के बस तीन मकाम , रोटी, कपड़ा और मकान " वैसे ही आज कहा जाता है कि " जीवन जीने का यही है आइडिया

अरे आग लग जाये सबके मोबाइल में धरती फटे और सबके हाथ से छूटकर मोबाइल जमीन में समा जाये। बताओ चार दिन से कुंजी भाभी ब्यूटी पार्लर के चक्कर लगा रहीं थीं। कभी मेड़ीक्योट, कभी पेडीक्योट, कभी पेटीकोट (सॉरी)

अमोलक जी घाट की राबड़ी का आनंद लेने लगे । उनकी इच्छाओं का भी ध्यान रखने वाला कोई तो इस दुनिया में है यह जानकर उन्हें बहुत खुशी हुई । उनके मन में शीला चौधरी के लिए कितना सम्मान है, कोई उनके हृदय में उत

सखि, आज तो गजब हो गया । तुम तो जानती ही हो कि आजकल मेरी पोस्टिंग अजमेर चल रही है । इसलिए मैं हर सोमवार को जयपुर से सुबह आठ बजे निकल पड़ता हूं और हर शुक्रवार को शाम तक जयपुर वापस आ जाता हूं । आज भ

अमोलक जी कब से इंतजार कर रहे थे कि लाजो फोन पर बात करना बंद करे तो वे "घाट की राबड़ी" का सेवन करें । जब से चौधराइन जी ने घाट की राबड़ी भेजी है तब से उनका मन उसी में अटका हुआ है । इस चक्कर में तो उन्हो

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