फासीवाद से जकड़े समाज की सबसे बड़ी समस्या है अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर राजनेताओं का हस्तक्षेप। पाश के तत्कालीन समाज में उन्होंने भी इस ही समस्या को देखा था, झेला शब्द यद्यपि प्रयोग में लाना गलत होगा क
सोने की बेड़ियां हों तो भी उसे कौन चाहता है। स्वतंत्रता स्वर्ण से अधिक मूल्यवान होता है।। बंदी राजा बनने से आजाद पंछी बनना भला। जेल के मेवे-मिठाई से रूखा-सूखा भोजन भला।। स्वतंत्रता का अर्थ खु
तिरंगा शान है अपनी ,फ़लक पर आज फहराए ,फतह की ये है निशानी ,फ़लक पर आज फहराए ....रहे महफूज़ अपना देश ,साये में सदा इसके ,मुस्तकिल पाए बुलंदी फ़लक पर आज फहराए .....मिली जो आज़ादी हमको ,शरीक़ उसमे है ये भी,शाकिर हम सभी इसके फ़लक पर आज फहराए ....क़सम खाई तले इसके ,भगा देंगे फिरंगी को ,इरादों को दी मज़बू
स्वतंत्रता दिवस और रक्षा बन्धनअभी बारह अगस्त को भाईचारे के प्रतीक ईद कात्यौहार सारे देश ने हर्षोल्लास के साथ मनाया, और अब कल समूचे देश के लिए एक और बहुत ही उत्साह का दिन है |कल एक ओर पन्द्रह अगस्त को सारा देश आज़ादी की तिहत्तरवीं सालगिरह मनाएगा तो कल ही भाईबहन के पावन प्रेम का प्रतीक रक्षा बन्धन का उ
गांधी जी ने भारतीय स्वतंत्रता को पूर्ण स्वतंत्रता क्यों नहीं माना? कारण बहुत सरल है, लेकिन बहुत सारे लोग इसे बहुत जटिल बनाते हैं, लोगों को भ्रमित करते हैं। देश की स्वतंत्रता वास्तविक स्वतंत्रता नहीं है, प्रत्येक व्यक्ति की स्वतंत्रता वास्तविक स्वतंत्रता है। बोलने की स्
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् वर्ष 2019 में देश का यह 17 वाँ आम चुनाव हो रहा है। प्रारंभ में स्वतंत्रता संग्राम में बढ़ चढ़ कर भाग लेने वाली पार्टी (सत्य से परे) एक मात्र कांग्रेस ही मानी जाती रही। वर्ष
भारत के 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पूरा देश आजादी के जश्न में डूबा हुआ है. कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक देश के हर एक कोने में आजादी के जश्न की तैयारियां की जा रही हैं. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सबसे खास होता है देश की राजधानी लाल किले पर मनाए जाने वाला जश्न और प्
वीरों को शत्-शत् नमन करते हुए समस्त देशवासियों को 72वें स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ! ***स्वतंत्र भारत… मेरा भारत*** लेख स्वतंत्र है भारत देश हमारा इस मिट्टी के हम वासी हैं । भारत देश की शान की खातिर हर राही के हम साथी हैं । सीमा की रक्षा पर जो वीर तैनात हैं भारतवासी हैं । उनके हर कतरे
72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हम आपको बता रहे हैं, देश में मौजूद एक ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में जिसके अंदर जाने के लिए पासपोर्ट और वीजा की जरूरत होती है।सुनने में बड़ा अजीब लगता है न, कि विदेश जाने के लिए पासपोर्ट और वीजा चाहिए और यहां रेलवे स्टेशन में जाने के लिए, पर
नई दिल्ली : भारत को लंबे संघर्ष के बाद अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति मिलने जा रही थी. स्वतंत्रता की तारीख (Independence Day) मुकर्रर हो गई थी. देश में हर तरफ जश्न का माहौल था, लेकिन जैसे-जैसे यह तारीख (15 अगस्त) नजदीक आती जा रही थी दिल्ली के वायसराय हाउस में माउंटबेटेन क
1947 का गदर वो खौफनाक मंजर था, जिसे भूलना भी चाहो तो मुमकिन नहीं। 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जानिए उस शख्स के बारे में जो पाकिस्तान से कटी लाशों से भरी ट्रेन लेकर आया था।स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बुजुर्ग बाल कृष्ण गुप्ता व सोहन सिंह
हमारे देश की आज़ादी को 70 साल हो गये। लेकिन आज़ादी क्या है इसके बारे में लोगों ने अपनी अपनी परिभाषाएँ व धारणाएं बना रखी है । आज़ादी आज़ादी चिल्लाते हुए कुछ लोग आजकल भी यहाँ वहाँ दिख जाते हैं । कुछ लोग कहते हैं हम अभी भी पूर्ण आज़ाद नहीं हुए हैं । आलंकारिक या दार्शनिक रूप से आज़ादी शब्द का प्रयोग या राजन
हां ! हमनें गांधी को मारा दियाक्योंकि वह करता था आदर्श की बातें?क्योंकि वह चलता था सचाई-नैतिकता की राह परउसकी दी हुई आजादी हमें नहीं भाई,हम आजादी नहीं चाहते थेहम चाहते थे स्वतंत्रता के नाम परअराजकता एक अव्यवस्थाजो आजादी आज हम ढो रहे हैवो नहीं है गांधी के सपनों की आजादीबदला इस इस आजादी से कुछ भी
ये सच है कि कलाकार स्वतंत्रता की ज़मीन परही काम करता है उसके विचारों कि स्वतंत्रता ही उसकी वोजादुई तूलिका होती है जिसके माध्यम से वो अनेकानेक रचनाओं में रंग भरता है. कलाकार स्वतंत्र नहीं होगा तोकिसी भी नयी रचना की सम्भावना भी नहीं रहेगी. विचारों कि जितनी स्वतंत्रता होती है, कल्पना कि उड़ान भी उतनी ही