आईना क्या सच बताता है,
कभी कहता,
तुम हो खुश, कभी उदास,
बाहरी रूप दिखाता है,
आईना क्या सच बताता है।
अंदर-अंदर घुटता मानव,
ऊपर से खुश नज़र आता है,
जिसे देखो, वो है पागल,
बस दौड़ लगाता जाता है,
आईना क्या सच बताता है।
20 अगस्त 2024
आईना क्या सच बताता है,
कभी कहता,
तुम हो खुश, कभी उदास,
बाहरी रूप दिखाता है,
आईना क्या सच बताता है।
अंदर-अंदर घुटता मानव,
ऊपर से खुश नज़र आता है,
जिसे देखो, वो है पागल,
बस दौड़ लगाता जाता है,
आईना क्या सच बताता है।
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मुझे कविता और कहानी लिखना और पढ़ना बहुत पसंद है। मन में कुछ भावनाएं और विचार आते है, उन्हें लिख लेती हूं । उम्मीद करती हूं मेरा लिखा हुआ आप लोगो को पसंद आए। यदि अच्छा लगे तो कमेंट करके मेरा प्रोत्साहन बढ़ाइएगा।D