मैं जब भी चांद को देखती हूं,
वो मुझसे बातें करता है।
अपनी शीतल छाया से,
मेरे दिल में ठंडक भरता है।
रोशन करके मेरे जहां को,
उसमें खुशियाँ भरता है।
मैं जब भी चांद को देखती हूं,
वो मुझसे बातें करता है।
20 अगस्त 2024
मैं जब भी चांद को देखती हूं,
वो मुझसे बातें करता है।
अपनी शीतल छाया से,
मेरे दिल में ठंडक भरता है।
रोशन करके मेरे जहां को,
उसमें खुशियाँ भरता है।
मैं जब भी चांद को देखती हूं,
वो मुझसे बातें करता है।
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मुझे कविता और कहानी लिखना और पढ़ना बहुत पसंद है। मन में कुछ भावनाएं और विचार आते है, उन्हें लिख लेती हूं । उम्मीद करती हूं मेरा लिखा हुआ आप लोगो को पसंद आए। यदि अच्छा लगे तो कमेंट करके मेरा प्रोत्साहन बढ़ाइएगा।D